नई दिल्ली । 28 जुलाई 2025
19 साल की दिव्या देशमुख ने किया कमाल, विश्व कप जीत रचा इतिहास
जॉर्जिया के बातूमी में खेले गए FIDE Women’s World Cup 2025 में भारत की 19 वर्षीय शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने इतिहास रचते हुए वर्ल्ड चैंपियन का खिताब अपने नाम किया। यह जीत इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि दिव्या ने दोगुनी उम्र की अनुभवी खिलाड़ी, भारत की दिग्गज ग्रैंडमास्टर कोनेरू हंपी को फाइनल में हराया। दोनों के बीच क्लासिकल मुकाबले ड्रॉ रहे, लेकिन रैपिड राउंड में दिव्या ने बाजी मार ली। यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था, जब दो भारतीय महिला शतरंज खिलाड़ी फाइनल में आमने-सामने थीं और जीत भी भारत के ही हिस्से में गई।
क्लासिकल में बराबरी, रैपिड राउंड में दिव्या की चालें भारी पड़ीं
शनिवार और रविवार को खेले गए क्लासिकल मुकाबले में दोनों खिलाड़ियों ने बेहद संतुलित खेल दिखाया, जो 1-1 की बराबरी पर समाप्त हुआ। सोमवार को रैपिड राउंड में पहला मुकाबला फिर ड्रॉ रहा, जिसमें हंपी ने काले मोहरों से मजबूत रक्षा की। लेकिन दूसरे रैपिड गेम में दिव्या देशमुख ने काले मोहरों से खेलते हुए शुरू से ही आक्रामक रुख अपनाया और कोनेरू हंपी की एक चूक (ब्लंडर) का फायदा उठाकर जीत दर्ज की। यह जीत इस युवा खिलाड़ी की रणनीतिक परिपक्वता और मानसिक दृढ़ता का प्रमाण थी।
भारत की जीत, चीन की चुनौती हुई ध्वस्त
FIDE Women’s World Cup में भारत की इस विजय को और भी गौरवपूर्ण बनाता है वह तथ्य कि दिव्या और हंपी दोनों ने सेमीफाइनल और क्वार्टरफाइनल में चीन की शीर्ष खिलाड़ियों को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। कोनेरू हंपी ने जहां WR 3 लेई टिंगजी को सेमीफाइनल में और WR 36 सॉन्ग युक्सिन को क्वार्टरफाइनल में पराजित किया, वहीं दिव्या देशमुख ने WR 8 तान झोंगयी, WR 12 हरिका द्रोणावल्ली (भारत) और WR 6 झू जिनेर को हराया। यह चीन के पारंपरिक प्रभुत्व को चुनौती देने वाला प्रदर्शन था।
इनामी राशि और आगे की राह: दिव्या बनीं स्टार
विश्व चैंपियन बनने पर दिव्या देशमुख को करीब 42 लाख रुपये की इनामी राशि मिली, जबकि उपविजेता कोनेरू हंपी को लगभग 30 लाख रुपये (35000 डॉलर) मिले। दोनों ही खिलाड़ी अब प्रतिष्ठित ‘कैंडिडेट्स’ टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई कर गई हैं, जो महिला विश्व चैंपियनशिप के लिए अंतिम पड़ाव है। भारत में शतरंज का बाज़ार तेजी से बढ़ रहा है, और अब यह उम्मीद की जा रही है कि दिव्या को बड़े ब्रांड्स और स्पॉन्सर्स का समर्थन भी मिलेगा।
दिव्या की उपलब्धि: युवा भारत की प्रेरणा
नागपुर की दिव्या देशमुख को इंटरनेशनल मास्टर (IM) का दर्जा प्राप्त है और वह वर्तमान में विश्व रैंकिंग में 18वें स्थान पर हैं। मात्र 19 साल की उम्र में उन्होंने जिस प्रकार का खेल दिखाया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है। विश्वनाथन आनंद जैसे दिग्गज भी मैच से पहले यह संकेत दे चुके थे कि इस बार “मोमेंटम दिव्या के पक्ष में है” और दिव्या ने इसे सच कर दिखाया।
भारतीय शतरंज का नया सूर्योदय
क्रिकेट की छाया में रहते हुए भी भारतीय शतरंज खिलाड़ियों ने विश्व स्तर पर एक बार फिर अपनी चमक बिखेरी है। दिव्या देशमुख की यह जीत न केवल उनके करियर का शिखर है, बल्कि यह भारत की उभरती हुई शतरंज प्रतिभाओं के लिए भी रास्ता खोलती है। कोनेरू हंपी जैसी दिग्गज को हराकर दिव्या ने यह सिद्ध किया है कि भारतीय शतरंज का भविष्य सुनहरा है — और यह अभी शुरुआत भर है। FIDE विश्व कप 2025 का यह फाइनल भारतीय महिला शतरंज के स्वर्णिम युग की शुरुआत है।