अंतरराष्ट्रीय ब्यूरो 6 नवंबर 2025
मिस यूनिवर्स जैसे प्रतिष्ठित और ग्लैमर व शोभा की पहचान माने जाने वाले अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के मंच पर इस बार चमक-दमक से अधिक विवाद की गूंज सुनाई दी। ताज़ा घटनाक्रम में मिस मेक्सिको के साथ हुए दुर्व्यवहार और आयोजक द्वारा की गई कथित सार्वजनिक फटकार से नाराज़ होकर कई अन्य कंटेस्टेंट्स ने प्रतियोगिता से वॉकआउट कर दिया। यह कदम सिर्फ एक प्रतिभागी के लिए समर्थन नहीं, बल्कि पूरी प्रणाली में वर्षों से दबे अन्याय के खिलाफ एक सामूहिक आवाज़ की तरह उठकर सामने आया है। विश्वभर में सोशल मीडिया पर यह मामला तूफ़ान बनकर ट्रेंड कर रहा है और पेजेंट इंडस्ट्री की पारदर्शिता, सम्मान एवं प्रतिभागियों के अधिकारों पर गंभीर सवाल उठा रहा है।
जानकारी के अनुसार, यह घटना एक प्रैक्टिस सेशन के दौरान हुई, जब आयोजक टीम के एक प्रमुख सदस्य ने मिस मेक्सिको को कथित तौर पर सबके सामने बुरी तरह फटकारा। उनके शरीर, पहनावे या प्रस्तुति पर अपमानजनक टिप्पणी की गई — हालांकि आयोजकों की ओर से इन आरोपों पर चुप्पी साध ली गई है। लेकिन जिन मॉडल्स ने यह सब अपनी आंखों से देखा, वे इस व्यवहार को न सिर्फ अनावश्यक, बल्कि अमानवीय बता रही हैं। कई कंटेस्टेंट्स ने कहा कि यह सालों की मेहनत, स्वयं को निखारने और गर्व के साथ देश का प्रतिनिधित्व करने वाले मंच पर इस तरह का अपमान कोई भी बर्दाश्त नहीं कर सकता। मिस मेक्सिको को भावुक और अपमानित देखते ही अन्य देशों की प्रतिभागियों ने एकजुट होकर स्टेज छोड़ने का फैसला लिया और यह विरोधात्मक वॉकआउट पूरी दुनिया के लिए एक मजबूत संदेश बन गया।
इस घटना के बाद प्रतियोगिता के प्रबंधन पर कड़े सवाल उठ रहे हैं — क्या मिस यूनिवर्स जैसी संस्था वास्तव में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है या फिर सुंदरता और शिष्टाचार के नाम पर उन पर मानसिक दबाव, भेदभाव और असमानता थोपे जाने का सिलसिला जारी है? कहा जा रहा है कि आयोजकों ने स्थिति को संभालने के लिए कोई तत्पर कदम नहीं उठाया। न ही सार्वजनिक माफी की गई और न ही किसी अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया गया। इससे आक्रोश और बढ़ गया है। कई देशों के प्रतिनिधि इसे ‘प्रतिभागियों के साथ दमनकारी व्यवहार’ बता रहे हैं। यह भी सामने आया कि कैमरों और मीडिया की मौजूदगी के बावजूद आयोजन समिति ने पूरा नियंत्रण बनाए रखने की कोशिश की, और बाहर खबर लीक न हो — पर इंटरनेट के दौर में यह कोशिश नाकाम साबित हुई।
दुनिया भर के पेजेंट प्रशंसक इसे मिस यूनिवर्स के चरित्र और विश्वसनीयता पर सबसे बड़ा धब्बा बता रहे हैं। एक ऐसा आयोजन जो महिलाओं की प्रतिभा, व्यक्तित्व, नेतृत्व और आत्मविश्वास को उत्सव की तरह मनाने का दावा करता है — वहां महिलाओं को नीचा दिखाने की मानसिकता क्यों हावी है? कंटेस्टेंट्स का एक सुर में उठकर बाहर जाना बताता है कि मंच पर खड़ी महिलाएं अब चुप नहीं रहेंगी। वे पुरस्कार, ताज और ग्लैमर से पहले इज़्ज़त और मानवता को प्राथमिकता देती हैं। वॉकआउट कर चुकी मॉडल्स ने साफ कहा है — “हम मुकुट जीतने नहीं, गरिमा के साथ खड़े रहने आए हैं।”
अब पूरी दुनिया की निगाहें मिस यूनिवर्स ऑर्गनाइज़ेशन पर हैं। क्या वे इस कांड की निष्पक्ष जांच कर पीड़ित प्रतिभागी से माफी मांगेंगे? क्या अपमान करने वाले आयोजक पर कार्रवाई होगी? या फिर पेजेंट इंडस्ट्री अपनी पुरानी गलतियों की तरह इसे भी चुपचाप दफना देगी? फिलहाल इस विरोध ने यह तय कर दिया है कि ग्लोबल सौंदर्य प्रतियोगिताओं की चमकदार सतह के पीछे छिपे अंधेरे चेहरे को अब और नहीं छिपाया जा सकता। यह सिर्फ एक प्रतियोगिता का नहीं, महिला सम्मान के वैश्विक संघर्ष का प्रश्न बन चुका है।




