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अमेरिकी टैरिफ पर चंद्रबाबू नायडू की चेतावनी: कृषि निर्यात खतरे में

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हैदराबाद, आंध्र प्रदेश। 2 अगस्त 2025

एनडीए सहयोगी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए 25% टैरिफ को लेकर गंभीर चिंता जताई है। नायडू देश के पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं जिन्होंने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखते हुए केंद्र सरकार से अपील की है कि वह कृषि निर्यात पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव को ध्यान में रखते हुए जल्द कदम उठाए।

कृषि निर्यात पर सीधा असर

मुख्यमंत्री नायडू ने शनिवार को एक प्रेस वार्ता में कहा, “अमेरिका भारत के प्रमुख कृषि निर्यात बाजारों में से एक है, खासकर मिर्च, आम, अनार, दालों और अन्य बागवानी उत्पादों के लिए। अगर इन पर टैरिफ बढ़ा दिए जाते हैं, तो आंध्र प्रदेश समेत पूरे देश के किसानों को बड़ा नुकसान हो सकता है।” उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि निर्यात की बड़ी भूमिका है और राज्य सरकार पहले से ही इस चुनौती का आंकलन कर रही है।

केंद्र को चेताया: ‘सावधानी जरूरी’

नायडू ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह इस मुद्दे को गंभीरता से ले और अमेरिका से व्यापार वार्ता को प्राथमिकता दे। उन्होंने कहा, “हम WTO सदस्य हैं, और ऐसे में हमें अपने किसानों के हितों की रक्षा के लिए रणनीतिक वार्ताएं करनी होंगी। राजनीतिक बयानबाज़ी के बजाय हमें ज़मीनी हकीकत को समझते हुए ठोस क़दम उठाने होंगे।”

INDIA बनाम NDA में बढ़ी कूटनीतिक बहस

नायडू का यह बयान उस समय आया है जब हाल ही में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी अमेरिका के साथ भारत के व्यापार संबंधों को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला था और ट्रंप की ‘डेड इकॉनमी’ वाली टिप्पणी से सहमति जताई थी। वहीं भाजपा नेतृत्व ने इसे राष्ट्रविरोधी मानसिकता करार दिया था। अब नायडू के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि NDA के अंदर भी अमेरिका की नई नीतियों को लेकर असहजता है।

कृषि नीति विशेषज्ञों ने भी जताई चिंता

कृषि और व्यापार विशेषज्ञों ने चंद्रबाबू नायडू की इस पहल की सराहना की है। इंडियन एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट फोरम के पूर्व चेयरमैन प्रो. एम. श्रीधरन ने कहा, “यह समय राजनीति करने का नहीं, बल्कि रणनीति अपनाने का है। टैरिफ का सीधा असर किसानों की आमदनी पर पड़ेगा। ऐसे में मुख्यमंत्री नायडू की चेतावनी बिल्कुल वाजिब है।”

क्या बोले दिल्ली के गलियारे

सूत्रों के मुताबिक, वाणिज्य मंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने पहले ही एक संयुक्त टास्क फोर्स बनाने पर चर्चा शुरू कर दी है जो अमेरिका की टैरिफ नीति का विश्लेषण कर रिपोर्ट सौंपेगी। इस बीच, आंध्र प्रदेश सरकार अपने स्तर पर निर्यातक मंडियों की सूची तैयार कर रही है ताकि संभावित नुकसान की भरपाई के लिए वैकल्पिक बाजारों की तलाश की जा सके।

अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव बढ़ता नजर आ रहा है, और अब जब एनडीए के अंदर से भी आवाज़ें उठने लगी हैं, तो केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ना तय है। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के इस रुख को केवल एक चेतावनी न समझा जाए — यह किसानों की आजीविका से जुड़ा गंभीर राष्ट्रीय मुद्दा है, जिस पर जल्द और निर्णायक कार्रवाई की दरकार है।

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