नई दिल्ली 24 सितंबर 2025
केंद्रीय कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए बेहद राहत भरी खबर आई है। केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) ने 2025 की नई गाइडलाइंस जारी कर दी हैं, जिसमें कर्मचारियों के आश्रितों को लेकर एक बड़ा बदलाव किया गया है। अब तक CGHS की सुविधा पाने के लिए आश्रितों पर उम्र और आय की कई शर्तें लागू थीं, जिसकी वजह से लाखों परिवार परेशानियों का सामना कर रहे थे। लेकिन अब सरकार ने यह पाबंदी पूरी तरह हटा दी है। नए नियमों के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों के आश्रित—चाहे वे किसी भी उम्र के हों—CGHS की मेडिकल सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।
यह बदलाव इसलिए भी अहम है क्योंकि लंबे समय से केंद्रीय कर्मचारी संगठनों और यूनियनों की ओर से इस मुद्दे को उठाया जा रहा था। कई बार ऐसा होता था कि कर्मचारी के बच्चे उम्र की सीमा पार करने के बाद पात्रता से बाहर हो जाते थे या बुजुर्ग माता-पिता को सुविधा दिलाने में कठिनाइयाँ आती थीं। अब नई गाइडलाइंस ने यह सुनिश्चित कर दिया है कि किसी भी उम्र में आश्रित होने पर मेडिकल बेनिफिट मिलता रहेगा। इस कदम से लाखों परिवारों को न केवल आर्थिक राहत मिलेगी बल्कि मानसिक सुकून भी मिलेगा, क्योंकि स्वास्थ्य देखभाल के खर्चे आज के दौर में सबसे बड़ी चिंता बन चुके हैं।
नई गाइडलाइंस के तहत केंद्रीय कर्मचारियों के माता-पिता, जीवनसाथी, बच्चे और अन्य पात्र आश्रित सीधे CGHS की सुविधा का लाभ उठा पाएंगे। देशभर में मौजूद CGHS वेलनेस सेंटर और पैनल अस्पताल अब उन्हें मुफ्त या रियायती दरों पर इलाज, दवाइयाँ और जांच जैसी सेवाएं उपलब्ध कराएंगे। खास बात यह है कि अब बच्चे पढ़ाई या रोजगार में देर से स्थापित हों तो भी उन्हें आश्रित मानकर सुविधा दी जाएगी। इसी तरह, बुजुर्ग माता-पिता भी किसी उम्र सीमा के बंधन में नहीं रहेंगे।
सरकार का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों और उनके परिवारों की चिंताओं को दूर करना है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया है कि यह बदलाव “स्वस्थ कर्मचारी, स्वस्थ परिवार और स्वस्थ संगठन” की नीति को ध्यान में रखकर किया गया है। मंत्रालय का मानना है कि अगर कर्मचारी को अपने परिवार के स्वास्थ्य की चिंता नहीं रहेगी तो वह अपने काम पर ज्यादा ध्यान दे सकेगा और राष्ट्रनिर्माण में बेहतर योगदान देगा।
केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) लंबे समय से केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना रही है। इसके तहत देश के लगभग हर बड़े शहर में वेलनेस सेंटर बनाए गए हैं और निजी अस्पतालों को भी पैनल में शामिल किया गया है। लाखों कर्मचारी और उनके परिवार इसका लाभ उठा रहे हैं। नई गाइडलाइंस के बाद इसका दायरा और व्यापक हो गया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बदलाव स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम है और आने वाले समय में यह कर्मचारियों के जीवनस्तर को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।