नई दिल्ली 11 अगस्त 2025
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) एक बार फिर छात्रों के लिए ओपन बुक एग्जाम प्रणाली लागू करने की तैयारी में है, जिसे पहले कुछ साल पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अपनाया गया था। इस बार बोर्ड इसे कक्षा 9 से शुरू करने पर विचार कर रहा है, ताकि छात्रों में रटने की बजाय समझ पर आधारित सीखने की प्रवृत्ति को बढ़ावा दिया जा सके।
ओपन बुक एग्जाम में छात्रों को परीक्षा के दौरान किताबें, नोट्स और अध्ययन सामग्री देखने की अनुमति होती है। इसका उद्देश्य यह नहीं है कि वे सीधे किताब से उत्तर कॉपी करें, बल्कि यह है कि वे दी गई जानकारी को समझकर, विश्लेषण करके और उचित तरीके से प्रस्तुत करें। इस पद्धति में प्रश्न इस तरह से बनाए जाते हैं कि केवल किताब में मौजूद शब्दशः उत्तर देने से काम नहीं चलता, बल्कि विषय की गहरी समझ और तार्किक सोच की जरूरत होती है।
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रणाली छात्रों को वास्तविक जीवन की स्थितियों के लिए तैयार करने में मदद करती है, जहां केवल याददाश्त नहीं बल्कि समस्या-समाधान और विश्लेषण की क्षमता अहम होती है। CBSE के अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल इसे कक्षा 9 में कुछ विषयों में पायलट आधार पर लागू किया जाएगा और सफल होने पर इसे धीरे-धीरे अन्य कक्षाओं और विषयों में भी विस्तार दिया जा सकता है।
इससे पहले 2014 में CBSE ने ओपन बुक एग्जाम का प्रयोग कक्षा 9 और 11 के कुछ विषयों में किया था, लेकिन तब इसे छात्रों और शिक्षकों से मिले मिले-जुले फीडबैक के कारण स्थगित कर दिया गया था। अब, नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत समझ-आधारित मूल्यांकन पर जोर दिए जाने के चलते इसे दोबारा लाने का निर्णय लिया गया है।