नई दिल्ली
17 जुलाई 2025
देश में साइबर फ्रॉड और आर्थिक अपराधों के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक बार फिर सख्ती दिखाई है। मनी लॉन्ड्रिंग और साइबर ठगी में इस्तेमाल हो रहे म्यूल अकाउंट नेटवर्क के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने सात राज्यों में छापेमारी की और इस दौरान तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों और उनके पीछे सक्रिय संगठित गिरोहों के खिलाफ सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ को दर्शाती है।
CBI द्वारा जारी बयान के अनुसार, यह कार्रवाई दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में एक साथ की गई। जांच एजेंसी ने कुल 30 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की और कई संदिग्ध खातों व दस्तावेजों को जब्त किया। म्यूल अकाउंट वे बैंक खाते होते हैं जिनका इस्तेमाल ठग और अपराधी डिजिटल धोखाधड़ी से हासिल पैसों को एक जगह से दूसरी जगह भेजने के लिए करते हैं, जिससे असली अपराधियों तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है।
सीबीआई की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि इन खातों का संचालन करने वाले लोग संगठित गिरोहों से जुड़े हुए हैं, जो देश के विभिन्न हिस्सों में फैले हुए हैं। इन गिरोहों ने फर्जी पहचान पत्र, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर के जरिए बैंक खाते खुलवाए और साइबर अपराधों में इनका इस्तेमाल किया। जांच एजेंसी को इस बात के भी सुराग मिले हैं कि ये नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड सिंडिकेट्स से भी जुड़ सकते हैं।
गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों से गहन पूछताछ की जा रही है और CBI के सूत्रों के मुताबिक जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। एजेंसी अब इन खातों के माध्यम से ट्रांजैक्शन की गहराई से फॉरेंसिक जांच कर रही है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि कुल कितनी राशि का गबन हुआ और कौन-कौन इसमें शामिल रहा।
यह कार्रवाई उस वक्त हुई है जब देशभर में डिजिटल भुगतान में वृद्धि के साथ-साथ साइबर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़े हैं। CBI की इस निर्णायक कार्रवाई को साइबर अपराध के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे आम नागरिकों की मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी और डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।