

न्याय के कटघरे में नारी: कानून तो हैं, पर क्या इंसाफ है?
नई दिल्ली, 5 अगस्त 2025 “बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ” जैसे नारे आज हर गली-मुहल्ले की दीवारों पर रंगीन अक्षरों में दिखते हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या नारी के लिए न्याय उतना ही रंगीन है जितना उसका प्रचार? भारत में महिलाओं के लिए दर्जनों कानून हैं—उनकी सुरक्षा, गरिमा, संपत्ति के अधिकार और कार्यस्थल पर