जड़ों की पुकार: आधुनिकता की चमक में धुंधला होता आत्मा का आईना
डॉ शालिनी अली, समाजसेवी | नई दिल्ली 12 अक्टूबर 2025 जड़ों की पुकार — हमारी पहचान की असली मिट्टी यह एक शाश्वत सत्य है कि मनुष्य चाहे कितनी भी भौतिक प्रगति कर ले, कितनी भी ऊँची उड़ान भर ले, उसकी असली और मौलिक पहचान हमेशा उसकी जड़ों से ही जुड़ी रहती है। ये जड़ें केवल