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रक्षाबंधन 2025: राखी बांधने का शुभ मंत्र और पारंपरिक विधि

रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का उत्सव है, जो इस बार 9 अगस्त 2025, शनिवार को मनाया जाएगा। यह पर्व केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक ऐसी परंपरा है जिसमें भावनाओं, आस्था और सुरक्षा का अद्वितीय संगम होता है। रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधते हुए एक विशेष मंत्र का जप

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18 साल बाद सूर्य-मंगल का दुर्लभ संयोग: कुछ राशियों के लिए सुनहरा दौर शुरू

नई दिल्ली, 3 अगस्त 2025 ज्योतिषीय दृष्टिकोण से आने वाले दिन कुछ राशियों के लिए बेहद शुभ साबित हो सकते हैं। दरअसल, 18 वर्षों बाद सूर्य और मंगल ग्रह एक विशेष और दुर्लभ संयोग बनाने जा रहे हैं, जिसे ज्योतिष में “सूर्य-मंगल युति” कहा जाता है। यह योग न केवल आत्मविश्वास, ऊर्जा और पराक्रम को

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समय का पहिया, जो जीवन की चाल बदल देता है

नई दिल्ली 1 अगस्त 2025 जब भाग्य स्थिर नहीं, तो ग्रह क्यों स्थिर रहें? जीवन में हर व्यक्ति यह अनुभव करता है कि कुछ समय अत्यंत अनुकूल होता है — जैसे सब कुछ स्वतः सरल हो रहा हो। वहीं कुछ समय ऐसा भी आता है जब हर दिशा में अड़चन, असमंजस और मानसिक उलझन रहती

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नींद की महारत रखने वाले पांच राशियों के नवाब

अगर आप इन 5 राशियों में से हैं, तो घबराइए मत — आप अकेले नहीं हैं जो अलार्म को दुश्मन समझते हैं! सोना आपके लिए सिर्फ एक जरूरत नहीं, एक लग्ज़री है, एक लाइफस्टाइल है। और हां… अगली बार कोई कहे “इतना क्यों सोते हो?” तो बस कहिए, “हम नींद के नहीं, नींद हमारे इशारों

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भारत 2047: ज्योतिषीय दृष्टि से स्वतंत्रता के 100 वर्ष बाद का भविष्य

नई दिल्ली 22 जुलाई 2025 जब भारत सौ साल का होगा, क्या वह जागरूक, आत्मनिर्भर और विश्वगुरु बन चुका होगा? 15 अगस्त 2047 को भारत अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करेगा। यह केवल एक राष्ट्रीय पर्व नहीं होगा — बल्कि यह एक ज्योतिषीय मोड़ होगा। जहां ग्रह, नक्षत्र और चंद्रमा — तीनों भारत के

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जब आत्मा जागे, तब सितारे जगमगाएं

नई दिल्ली  21 जुलाई 2025 स्वप्न, नक्षत्र और प्रश्न — ज्योतिषीय चेतना में भारत की मुक्ति कथा 15 अगस्त 1947 को जब भारत ने स्वतंत्रता का उद्घोष किया, वह केवल भौगोलिक सीमाओं की सुरक्षा का क्षण नहीं था, बल्कि यह उस आत्मिक चिंगारी का विस्फोट था, जो सदियों की चेतना में संचित थी। पर सवाल

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कुंडली मिलान: गण, गुण, ग्रह और विवाह की गहराई

नई दिल्ली 1 जुलाई 2025 जब दो दिल मिलते हैं, तो क्या दो कुंडलियाँ भी मिलनी चाहिए? भारतीय विवाह परंपरा में कुंडली मिलान को अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। चाहे कोई शिक्षित शहरी परिवार हो या परंपरागत ग्रामीण परिवेश — शादी से पहले “कुंडली मिल गई?” यह सवाल अवश्य उठता है। कई बार विवाह संबंध

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राजयोग और दरिद्रयोग

नई दिल्ली  1 जून 2025 भाग्य के महल और संघर्ष की सीढ़ियां हर मनुष्य अपने जीवन में किसी-न-किसी मोड़ पर यह सोचता है कि अगर जन्म सबका एक-सा होता है, तो फिर किस्मत इतनी अलग-अलग क्यों होती है? कोई बचपन से ही संपन्न, शिक्षित और प्रभावशाली बनता है, जबकि कोई जीवनभर दो वक़्त की रोटी

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शनि की साढ़ेसाती: एक ग्रह, तीन चरण और जीवन के सबक

नई दिल्ली 1 मई 2025 शनि का खौफ भारतीय जनमानस में यदि किसी ग्रह का सबसे ज़्यादा डर बिठाया गया है, तो वह है शनि। “शनि चढ़ गया”, “साढ़ेसाती शुरू हो गई”, “अब सात साल बहुत भारी पड़ेंगे” — ऐसे वाक्य अक्सर सुनने को मिलते हैं। इतना डर कि शनिवार को तेल नहीं छूते, काले

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ग्रहण और कुंडली

नई दिल्ली 1 अप्रैल 2025 मनुष्य क्यों विचलित होता है? ग्रहण — यह शब्द सुनते ही भारतीय जनमानस में एक विशिष्ट हलचल शुरू हो जाती है। मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं, गर्भवती महिलाएं चिंता में आ जाती हैं, और लोग स्नान-दान की तैयारियों में लग जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण को शुभ