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बिहार से लोकतंत्र बचाने की पुकार: राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ शुरू

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लोकतंत्र बचाने की कांग्रेस की नई मुहिम

कांग्रेस पार्टी ने बिहार से एक बड़ी राजनीतिक पहल की है। रविवार 17 अगस्त से राज्य में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की शुरुआत की गई है, जिसका नेतृत्व पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी कर रहे हैं। यह यात्रा 16 दिनों तक चलेगी और 20 से अधिक जिलों को कवर करते हुए लगभग 1,300 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। कांग्रेस ने इसे केवल एक चुनावी कार्यक्रम नहीं, बल्कि लोकतंत्र और संविधान को बचाने का आंदोलन बताया है। इससे पहले कांग्रेस और राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि—“16 दिन, 20+ ज़िले, 1,300+ किमी। हम वोटर अधिकार यात्रा लेकर जनता के बीच आ रहे हैं। यह सबसे बुनियादी लोकतांत्रिक अधिकार—‘एक व्यक्ति, एक वोट’ की रक्षा की लड़ाई है। संविधान को बचाने के लिए बिहार में हमारे साथ जुड़िए।”

यात्रा का खाका और राजनीतिक संदेश

यात्रा का समापन 1 सितंबर को पटना में एक विशाल रैली के साथ होगा। पटना की यह रैली खास होगी क्योंकि इसमें महागठबंधन के मुख्यमंत्री कैंडिडेट तेजस्वी यादव के साथ INDIA गठबंधन के कई बड़े नेता शामिल होंगे। कांग्रेस का मानना है कि बिहार से उठने वाली यह आवाज़ पूरे देश में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा का संदेश देगी। पार्टी इस यात्रा को केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक आंदोलन के रूप में पेश कर रही है। राहुल गांधी इसे संविधान और मताधिकार की रक्षा की जंग बताते हैं और यह साफ करना चाहते हैं कि यह सिर्फ कांग्रेस का अभियान नहीं बल्कि जनता की भागीदारी से लोकतंत्र को बचाने की कोशिश है।

मतदाता सूची में गड़बड़ी और कांग्रेस का आरोप

कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल ने बिहार में मतदाता सूची को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी का कहना है कि Special Intensive Revision (SIR) के तहत राज्य में 20% वोट काटे जाने की योजना बनाई गई थी। नई ड्राफ्ट लिस्ट में बड़ी गड़बड़ियां सामने आई हैं, लेकिन बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) के पास इनका कोई जवाब नहीं है। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि इस साजिश के जरिए खासतौर पर दलितों, अल्पसंख्यकों, वंचितों और गरीब तबके को निशाना बनाया जा रहा है ताकि उनकी राजनीतिक भागीदारी कमजोर हो सके। अखिलेश प्रसाद सिंह और पवन खेड़ा ने स्पष्ट कहा है कि यह चुनावी गड़बड़ी नहीं बल्कि लोकतंत्र पर हमला है। RJD ने भी पूरा समर्थन इस मुहिम को दिया है।

‘डबल इंजन सरकार’ पर कांग्रेस का हमला

AICC मीडिया और पब्लिसिटी विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने सरकार और चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा—“चुनाव आयोग अगर निष्पक्ष न रहकर केवल डबल इंजन सरकार का एक डब्बा बनकर रह जाए, तो लोकतंत्र की जड़ें कमजोर हो जाएंगी। यह स्वीकार्य नहीं है।” कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी फर्जी वोट जोड़ने और असली वोट काटने जैसे हथकंडे अपनाकर बिहार की राजनीति को अपने पक्ष में झुकाना चाहती है। पार्टी का दावा है कि इस बार उन्हें रंगे हाथों पकड़ा गया है और ‘वोटर अधिकार यात्रा’ इसी साजिश को जनता के सामने उजागर करेगी।

बाबा साहेब का हवाला और संविधान की रक्षा का संकल्प

कांग्रेस ने इस आंदोलन को सीधे संविधान की रक्षा से जोड़ते हुए बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का हवाला दिया है। पार्टी ने कहा कि 1950 में अंबेडकर ने स्पष्ट कहा था कि संविधान तभी प्रभावी होगा जब उसे लागू करने वाले निष्पक्ष और ईमानदार हों। आज जो हालात पैदा हुए हैं, वे बाबा साहेब की चेतावनी को सही साबित कर रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि यह यात्रा केवल वोट बचाने के लिए नहीं बल्कि संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए है। राहुल गांधी को इस आंदोलन का चेहरा बनाकर पार्टी जनता को संदेश देना चाहती है कि वह गरीबों, किसानों, मजदूरों, महिलाओं और वंचितों की सच्ची आवाज़ हैं।

मतदाता जागरूकता और जनता से सीधा संवाद

कांग्रेस ने यह भी घोषणा की है कि ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के साथ-साथ एक बड़ा मतदाता जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। पार्टी कार्यकर्ता गांव-गांव और कस्बों में जाकर लोगों को बताएंगे कि उनका वोट कितना महत्वपूर्ण है और इसे बचाने के लिए उन्हें सतर्क रहना होगा। पवन खेड़ा ने इसे केवल एक यात्रा नहीं बल्कि लोकतांत्रिक आंदोलन बताया और कहा कि यह बिहार की जनता के हक़ और भविष्य की दिशा तय करेगा। उनका कहना था—“यह यात्रा बिहार की जनता के हक और लोकतंत्र की दिशा तय करने की निर्णायक लड़ाई है।”

सुप्रीम कोर्ट की भूमिका और विपक्ष का समर्थन

कांग्रेस ने यह दावा भी किया कि चुनावी गड़बड़ियों पर सवाल उठाने के बाद सर्वोच्च न्यायालय को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। पार्टी इसे इस बात का प्रमाण मान रही है कि मतदाता सूची से छेड़छाड़ की आशंका वास्तविक है। पटना में होने वाली रैली में INDIA गठबंधन के नेताओं की मौजूदगी कांग्रेस की रणनीति को और मजबूत करेगी। पार्टी का इरादा है कि इस यात्रा से न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश में विपक्ष की एकजुटता का संदेश जाएगा और बीजेपी के खिलाफ माहौल तैयार होगा।

लोकतंत्र की रक्षा का ऐलान

राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी इस यात्रा को ऐतिहासिक बनाने की कोशिश में है। पार्टी के मुताबिक यह केवल वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का विरोध नहीं, बल्कि लोकतंत्र की आत्मा को बचाने का प्रयास है। कांग्रेस जनता से अपील कर रही है कि वे इस आंदोलन का हिस्सा बनें, क्योंकि यह केवल राजनीतिक दल का नहीं, बल्कि हर नागरिक का अधिकार है। 17 अगस्त से शुरू होने वाली ‘वोटर अधिकार यात्रा’ 1 सितंबर को पटना में एक विशाल रैली के साथ समाप्त होगी, और कांग्रेस को उम्मीद है कि यह यात्रा लोकतंत्र बचाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।

 

 

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