उत्तरकाशी 28 सितंबर 2025
उत्तराखंड में पिछले कई दिनों से लापता पत्रकार राजीव प्रताप का शव आखिरकार उत्तरकाशी के पास एक झील से बरामद हुआ। पुलिस ने बताया कि शव की पहचान परिवारजनों ने की और प्रारंभिक जांच में यह मामला संदिग्ध मौत का प्रतीत होता है। स्थानीय प्रशासन ने घटनास्थल को सील कर दिया है और फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य एकत्र करना शुरू कर दिया है।
राजीव प्रताप की गुमशुदगी ने पूरे उत्तराखंड के पत्रकार समाज में चिंता पैदा कर दी थी। वे एक क्षेत्रीय अखबार से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार थे और हाल ही में कई संवेदनशील खबरों पर काम कर रहे थे। उनके परिवार ने आरोप लगाया था कि उनकी गुमशुदगी के पीछे कुछ ताकतें हो सकती हैं जिन्हें उनकी रिपोर्टिंग से परेशानी थी। परिवार ने यह भी कहा कि उन्होंने शुरू से पुलिस को जांच तेज करने की मांग की थी, लेकिन कार्रवाई में देरी हुई।
घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं। धामी ने ट्वीट कर कहा, “पत्रकार राजीव प्रताप की मौत दुखद और विचलित करने वाली है। दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। निष्पक्ष जांच कर सच्चाई सामने लाई जाएगी।”
पत्रकार संगठनों ने इस घटना पर आक्रोश जताते हुए कहा है कि यह प्रेस की स्वतंत्रता और सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी है। प्रेस क्लब और विभिन्न पत्रकार संघों ने राज्य सरकार से मांग की है कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएँ और इस केस की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में कराई जाए।
पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों पर स्पष्टता होगी। फिलहाल हत्या, आत्महत्या या दुर्घटना — सभी एंगल से जांच की जा रही है। इस घटना ने उत्तराखंड में कानून-व्यवस्था और पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।