पटना 27 अगस्त 2025
बिहार की राजनीति में चुनावी हलचल तेज़ हो चुकी है और इस बार सुर्खियों में हैं चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (PK)। उन्होंने एक नया फॉर्मूला पेश कर राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है। किशोर ने कहा कि अगर 40% हिंदू और 20% मुसलमान एकजुट हो जाएं तो बिहार में सत्ता का पूरा गणित बदल सकता है।
चुनावी रणनीति या जातीय समीकरणों पर प्रहार?
बिहार की राजनीति लंबे समय से जातीय समीकरणों और वोट बैंक पर टिकी रही है। लेकिन प्रशांत किशोर का यह बयान सीधे तौर पर एक नए सामाजिक गठजोड़ की बात करता है। उन्होंने साफ कहा कि अब राजनीति को सिर्फ जातीय आधार पर नहीं, बल्कि समुदायों की साझेदारी और सामूहिक ताकत पर खड़ा करना होगा।
जनता के बीच बड़ा संदेश
PK का यह संदेश सिर्फ एक चुनावी गणित नहीं बल्कि समाज के बड़े तबके को साथ लाने का प्रयास भी माना जा रहा है। हिंदू और मुसलमानों के बीच एकजुटता की अपील कर वे यह संकेत दे रहे हैं कि अगर दोनों समुदाय वोट के स्तर पर साझा कदम उठाएं तो बिहार की राजनीति में किसी भी दल के लिए चौंकाने वाला नतीजा सामने आ सकता है।
सत्ता दल और विपक्ष पर दबाव
इस फॉर्मूले ने सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी महागठबंधन दोनों को असहज कर दिया है। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव, दोनों ही समुदायों के बीच अपनी-अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में लगे हुए हैं। ऐसे में प्रशांत किशोर का यह बयान सीधा संकेत देता है कि वे चुनावी जंग को नए सामाजिक आधार पर ले जाना चाहते हैं।
बिहार चुनाव में नया मोड़?
बिहार में मुस्लिम आबादी करीब 17% और हिंदू आबादी बहुमत में है। अगर इन दोनों वर्गों के एक हिस्से में भी प्रशांत किशोर की अपील असर करती है तो यह मौजूदा समीकरणों को हिला सकता है। सवाल यह है कि क्या PK का यह प्रयोग जमीनी हकीकत में उतर पाएगा या महज चुनावी बयानबाजी बनकर रह जाएगा।
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