पटना, 14 सितंबर 2025
बिहार की सियासत में लोकसभा चुनावों से पहले सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन (Mahagathbandhan) में खींचतान तेज हो गई है। कांग्रेस पार्टी ने अब सीट शेयरिंग को लेकर दो अलग-अलग फॉर्मूले पेश किए हैं। इन फॉर्मूलों के सामने आने से राजद (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
पहला फॉर्मूला: पिछली बार की सीटों का आधार
कांग्रेस का पहला फॉर्मूला कहता है कि 2019 लोकसभा चुनाव में जो पार्टी जहां-दूसरे स्थान पर रही है, वहां उसे सीट दी जानी चाहिए। यानी कांग्रेस का मानना है कि जहां वह रनर-अप रही है, वहां उसे सीट का दावा मिलना चाहिए। इस तर्क के सहारे पार्टी 10 से ज्यादा सीटों पर अपनी दावेदारी जता रही है।
दूसरा फॉर्मूला: विधानसभा चुनाव का गणित
दूसरे फॉर्मूले के तहत कांग्रेस का कहना है कि विधानसभा चुनाव में जिस क्षेत्र में उसका मजबूत आधार है, वहां लोकसभा की सीट भी उसी को दी जानी चाहिए। इस हिसाब से कांग्रेस ने करीब 12 सीटों पर दावा ठोंक दिया है।
लालू यादव के लिए चुनौती
कांग्रेस के इन दोनों दावों से लालू यादव के सामने असमंजस की स्थिति बन गई है। राजद पहले से ही ज्यादा सीटें चाहती है और कांग्रेस का दबाव इस खींचतान को और बढ़ा रहा है। महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे की बातचीत अब पेचीदा होती दिख रही है।
कांग्रेस का ‘हाथ’ और बढ़ी सौदेबाज़ी की ताक़त
कांग्रेस जानती है कि बिहार में विपक्षी एकजुटता के बिना बीजेपी को चुनौती देना मुश्किल है। यही वजह है कि पार्टी ने सीट शेयरिंग पर आक्रामक रुख अपनाया है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस का ‘हाथ’ अब सौदेबाज़ी की ताक़त बढ़ाने के लिए इन फॉर्मूलों को एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है।
महागठबंधन में उथल-पुथल
इस नए दांव से महागठबंधन की सियासी बिसात और उलझ गई है। राजद और कांग्रेस दोनों के नेताओं के बीच बैठकों का दौर जारी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस समझौता नहीं बन पाया है। जेडीयू (JDU) भी स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है।