दुबई 11 सितंबर 2025
शिक्षा व्यवस्था को अनुशासित करने की पहल
दुबई ने निजी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नए कड़े नियम लागू कर दिए हैं। अब किसी भी बड़े उल्लंघन की स्थिति में न केवल स्कूल प्रशासन पर कार्रवाई होगी, बल्कि शिक्षकों के खिलाफ भी कठोर कदम उठाए जाएंगे। इन नियमों के तहत गंभीर उल्लंघन पर शिक्षक का ‘डीरजिस्ट्रेशन’ किया जा सकता है, यानी वह शिक्षक दुबई में किसी भी स्कूल में आगे पढ़ाने के लिए पात्र नहीं रहेंगे।
स्कूलों के लिए जवाबदेही तय
नए नियमों के अनुसार, यदि किसी स्कूल द्वारा शिक्षा मानकों का गंभीर उल्लंघन किया जाता है तो उसे भारी जुर्माना भरना होगा और गंभीर मामलों में उसका लाइसेंस तक रद्द किया जा सकता है। यह कदम छात्रों के अधिकारों और अभिभावकों के विश्वास को मजबूत करने के लिए उठाया गया है।
शिक्षकों पर कड़ा शिकंजा
अब दुबई में शिक्षकों के लिए नई पात्रता (Eligibility Criteria) भी लागू कर दी गई है। शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता, प्रोफेशनल ट्रेनिंग और आचरण पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। किसी भी प्रकार का दुराचार, अनुशासनहीनता या पेशेवर मानकों का उल्लंघन पाए जाने पर शिक्षकों को तुरंत नौकरी से हटाया जा सकता है।
90 दिन का अनिवार्य नोटिस पीरियड
नए नियमों के मुताबिक अब कोई भी शिक्षक बिना 90 दिन का अनिवार्य नोटिस पीरियड पूरा किए अपनी नौकरी नहीं छोड़ सकेगा। यह प्रावधान स्कूलों में स्थिरता बनाए रखने और छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न होने देने के लिए लागू किया गया है।
शिक्षा मंत्रालय का स्पष्ट संदेश
दुबई शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि इन नए नियमों का उद्देश्य शिक्षा क्षेत्र को अधिक जवाबदेह, पारदर्शी और अनुशासित बनाना है। मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि “शिक्षा बच्चों का भविष्य तय करती है, इसलिए इसमें लापरवाही या समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
अभिभावकों और छात्रों के लिए राहत
इन कड़े नियमों से अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है। पहले अक्सर यह शिकायतें आती थीं कि शिक्षकों के अचानक नौकरी छोड़ने या स्कूलों के मनमाने फैसलों की वजह से छात्रों की पढ़ाई बाधित होती है। अब नए प्रावधानों से इस पर अंकुश लगेगा। यह नया बदलाव दुबई को शिक्षा सुधार और अनुशासन के क्षेत्र में एक वैश्विक मॉडल बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।