उत्तर प्रदेश के महोबा से सामने आया मामला लोकतंत्र की रीढ़ पर सीधा हमला साबित हो रहा है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया है कि देशभर में संगठित तरीके से वोट चोरी की साजिश रची जा रही है। महोबा में एक ही मकान पर हजारों वोटर दर्ज होना लोकतंत्र के माथे पर सबसे बड़ा कलंक है।
चौंकाने वाले आंकड़े, हिला देने वाला खुलासा
कांग्रेस की जांच में सामने आया कि महोबा के मकान नंबर 803 पर अकेले 4,271 वोटर दर्ज हैं। यही नहीं, मकान नंबर 996 में 243 वोटर और मकान नंबर 997 में 185 वोटर बनाए गए। सोचिए, जहां एक छोटा सा घर मुश्किल से 5-10 लोगों का ठिकाना हो सकता है, वहां हजारों मतदाता कैसे दर्ज हो सकते हैं? यह साफ इशारा करता है कि सत्ता में बैठे लोग और चुनाव आयोग मिलकर फर्जीवाड़े का जाल बुन रहे हैं।
कांग्रेस का सीधा हमला: “वोट चोर, गद्दी छोड़”
कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि यह सिर्फ महोबा का मामला नहीं है, बल्कि पूरे देश में यही खेल खेला जा रहा है। दिल्ली से लेकर कर्नाटक और बंगाल तक ऐसी शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं। कांग्रेस ने मोदी सरकार और चुनाव आयोग पर लोकतंत्र को तहस-नहस करने का आरोप लगाते हुए कहा—”वोट चोर अब गद्दी छोड़।” उनका कहना है कि भाजपा ने सत्ता बनाए रखने के लिए चुनाव को ही अपना खिलौना बना दिया है।
लोकतंत्र का अपमान या सुनियोजित साजिश?
कांग्रेस का दावा है कि जिस तरह से फर्जी मतदाता लिस्ट बनाई गई है, वह किसी लोकल स्तर का गड़बड़झाला नहीं बल्कि पूरी तरह से संगठित और राष्ट्रीय स्तर की साजिश है। मतदाता सूची में डुप्लीकेट नाम, मृत व्यक्तियों के नाम से वोट, और नकली एड्रेस पर हजारों वोट डालना, यह सब बिना प्रशासन और चुनाव आयोग की मिलीभगत के मुमकिन ही नहीं। यह लोकतंत्र का सबसे बड़ा अपमान है।
जनता का गुस्सा सोशल मीडिया पर फूटा
देशभर में सोशल मीडिया पर “वोट चोर” हैशटैग ट्रेंड कर रहा है। लोग गुस्से में पूछ रहे हैं कि अगर चुनावी प्रक्रिया ही चोरी और धांधली से भरी होगी तो जनता का असली हक कहां जाएगा? ट्विटर से लेकर फेसबुक और व्हाट्सएप ग्रुप्स तक, हर जगह यही सवाल उठ रहा है—”क्या भारत का लोकतंत्र बिक चुका है?”
कांग्रेस की मांग: सुप्रीम कोर्ट से निगरानी में जांच
कांग्रेस का कहना है कि वोटर लिस्ट का पूरा ऑडिट कराया जाना चाहिए। कांग्रेस ने साफ कहा है कि अब देश का लोकतंत्र चुनाव आयोग और भाजपा के रहमोकरम पर नहीं छोड़ा जा सकता। लोकतंत्र की सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए न्यायपालिका की सीधी निगरानी जरूरी है।
अब सवाल पूरे लोकतंत्र का है
महोबा का यह खुलासा केवल एक जिले का मामला नहीं, बल्कि पूरे देश का भविष्य तय करने वाला सच है। अगर वोटर लिस्ट ही फर्जी होगी तो जनादेश कैसे सच्चा माना जा सकता है? कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर इस मुद्दे पर कार्रवाई नहीं हुई तो देश की जनता सड़कों पर उतरकर जवाब देगी। अब देश की आवाज़ गूंज रही है: “वोट चोर, गद्दी छोड़!”