पटना 16 अक्टूबर 2025
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) ने आज एक बड़ा राजनीतिक ऐलान करते हुए कहा कि वह स्वयं चुनाव नहीं लड़ेंगे। इस बयान के साथ ही बिहार की सियासत में नए समीकरण बनने के कयासों पर विराम लग गया है।
प्रशांत किशोर ने कहा, “जन सुराज आंदोलन जनता का है, किसी व्यक्ति का नहीं। मैं जनता के बीच रहकर उनकी आवाज़ को राजनीति तक पहुँचाने का काम करूंगा, लेकिन खुद चुनावी रेस में नहीं उतरूंगा।”
PK के इस फैसले को कई राजनीतिक विश्लेषक रणनीतिक चाल के रूप में देख रहे हैं। उनका मानना है कि प्रशांत किशोर अपने नेटवर्क और जनआंदोलन के ज़रिए तीसरा विकल्प बनाने की कोशिश में हैं, जो NDA और महागठबंधन दोनों को चुनौती दे सकता है।
हाल के महीनों में प्रशांत किशोर लगातार बिहार के गांव-गांव में जन संवाद यात्राएं कर रहे थे, जिससे उनके चुनावी मैदान में उतरने की अटकलें तेज थीं। लेकिन उनके इस ऐलान से यह स्पष्ट हो गया है कि PK का ध्यान संघटनात्मक मजबूती और जनसंपर्क पर है, न कि व्यक्तिगत सत्ता की लड़ाई पर।
राजनीतिक पंडितों के अनुसार, यह निर्णय PK की “राजनीति बदलने की रणनीति” का हिस्सा है, जो उन्हें पारंपरिक नेताओं से अलग पहचान दिला सकता है। अब सवाल यह है कि जन सुराज पार्टी PK के बिना मैदान में कितनी प्रभावी साबित होगी, और क्या उनका जनआंदोलन बिहार की सियासी दिशा बदल पाएगा?