नई दिल्ली 26 अगस्त 2025
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की श्रम विंग, भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने केंद्र सरकार से मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा कोडों को तुरंत लागू करने की मांग की है। संघ की यह मांग बीएमएस के 159वें केंद्रीय कार्यकारिणी मंडल की भोपाल में हुई बैठक के दौरान उठाई गई। साथ ही, उन्होंने केंद्र से भारतीय मजदूर सम्मेलन (ILC) को भी जल्द से जल्द बुलाने का आग्रह किया है, जो कि श्रम और रोजगार मंत्रालय का सर्वोच्च त्रिपक्षीय निकाय है।
बीएमएस अध्यक्ष हीरान्मय पंड्या ने कहा कि सरकार को मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा कोडों को चरणबद्ध तरीके से लागू करते हुए त्रिपक्षीय भागीदारों को विश्वास में लेना चाहिए। उन्होंने महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय द्वारा ICDS योजना के तहत लागू की गई फेसियल रेकग्निशन सिस्टम को भी वापस लेने की मांग की। बीएमएस का मानना है कि मजदूरों के हितों की रक्षा और उनके सामाजिक सुरक्षा के लिए ये कदम बेहद जरूरी हैं।
बीएमएस ने यह भी कहा कि वर्तमान श्रम नीति और कानून केवल लगभग 7 प्रतिशत संगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए हैं, जबकि 93 प्रतिशत अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों के लिए कोई ठोस कानून नहीं है। इसलिए, मजदूरों के हितों की रक्षा हेतु राष्ट्रीय श्रम नीति बनाने और मजदूरी को न्यूनतम से जीवनोपयोगी बनाने की भी मांग की गई।
बीएमएस की मांगों में मजदूरों के लिए समान काम के लिए समान वेतन सुनिश्चित करना, अनुबंध श्रम प्रथा को समाप्त करना तथा उद्योग और मजदूरों के बीच सामंजस्य बनाए रखना शामिल है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार मजदूर हितैषी कदम नहीं उठाती है तो वे व्यापक स्तर पर आंदोलन की राह पर उतर सकते हैं।
इस प्रकार, बीएमएस श्रम सुधारों के शीघ्र और प्रभावी क्रियान्वयन की वकालत करते हुए मजदूरों के सामाजिक और आर्थिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए सरकार पर दबाव बना रहा है।
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