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गाजा पर घमासान: ट्रंप की चेतावनी, ईरान की एंट्री और खामेनेई-नेतन्याहू आमने-सामने?

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नई दिल्ली, 9 सितंबर 2025

गाजा में चल रहे युद्ध ने एक बार फिर वैश्विक मंच पर तनाव बढ़ा दिया है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के गाजा पर पूर्ण नियंत्रण के मिशन, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हमास को दी गई ‘फाइनल चेतावनी’ और ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई की तीखी प्रतिक्रिया ने मध्य पूर्व में एक नए युद्ध की आशंका को जन्म दिया है। क्या यह क्षेत्र फिर से जंग के मैदान में तब्दील होने जा रहा है?

इजरायल का गाजा मिशन: नेतन्याहू की रणनीति इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा में हमास के सैन्य ढांचे को पूरी तरह नष्ट करने और क्षेत्र पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित करने का आदेश दिया है। अप्रैल 2025 में, नेतन्याहू ने गोलानी ब्रिगेड को राफाह, बेत हनून और बेत लाहिया जैसे क्षेत्रों में हमास के बचे हुए ठिकानों को खत्म करने का निर्देश दिया था। इजरायली सेना का दावा है कि गाजा के लगभग 70% हिस्से पर उनका कब्जा हो चुका है।

नेतन्याहू ने जुलाई 2025 में एक प्राइवेट डिनर में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ चर्चा के दौरान कहा था कि गाजा के लोगों को पड़ोसी देशों में स्थानांतरित कर एक “बेहतर भविष्य” दिया जाएगा। इस बयान की व्यापक आलोचना हुई, क्योंकि इसे गाजा की डेमोग्राफी बदलने की कोशिश के रूप में देखा गया।

ट्रंप की ‘आखिरी चेतावनी’ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को गाजा में बंधकों की रिहाई और युद्धविराम के लिए अपनी ‘आखिरी चेतावनी’ दी है। 8 सितंबर 2025 को, ट्रंप ने एक नया युद्धविराम प्रस्ताव रखा, जिसमें हमास को पहले दिन 48 बंधकों को रिहा करना होगा, जिनमें से 20 के जीवित होने की संभावना है। बदले में, इजरायल हजारों फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा और शांति वार्ता शुरू होगी।

ट्रंप ने साफ कहा कि अगर हमास इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करता, तो उसे “नतीजे भुगतने” होंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि इजरायल ने उनके प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। हालांकि, हमास ने इस चेतावनी के बाद भी सख्त रुख अपनाया और कहा कि वे गाजा पर नियंत्रण नहीं छोड़ेंगे।

ईरान की प्रतिक्रिया: खामेनेई का सख्त बयान ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजरायल की कार्रवाइयों को “बड़े अपराध” और “हैरान करने वाली तबाही” करार देते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी। 7 सितंबर 2025 को, खामेनेई ने एक्स पर पोस्ट किया कि इस्लामिक और गैर-इस्लामिक देशों, विशेष रूप से इस्लामिक देशों, को इजरायल के साथ व्यापारिक और राजनीतिक संबंध पूरी तरह खत्म कर देने चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि इस मुद्दे पर चुप रहना निष्क्रियता माना जाएगा।

खामेनेई ने इजरायल पर हमास, हिजबुल्लाह और अन्य समूहों के खिलाफ “आतंकवादी” कार्रवाइयों का आरोप लगाया और कहा कि इजरायल का “आतंकवादी जायनवादी शासन” क्षेत्र में अस्थिरता फैला रहा है।

इजरायल-ईरान तनाव: युद्ध की आशंका इजरायल और ईरान के बीच तनाव हाल के महीनों में चरम पर पहुंच गया है। जून 2025 में, इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों और सैन्य कमांडरों पर हमले किए, जिसमें ईरान के दो शीर्ष सैन्य कमांडर, मोहम्मद बघेरी और होसैन सलामी, मारे गए। जवाब में, ईरान ने तेल अवीव, हाइफा और अन्य इजरायली शहरों पर मिसाइल हमले किए, जिसमें 22 इजरायली नागरिकों की मौत हुई।

इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कात्ज ने खामेनेई को “सद्दाम हुसैन जैसा” बताते हुए उनकी हत्या की धमकी दी, जिसे ईरान ने “अपमानजनक” करार दिया। ट्रंप ने हालांकि खामेनेई की हत्या के इजरायली प्रस्ताव को खारिज कर दिया, लेकिन उन्होंने ईरान को “बिना शर्त आत्मसमर्पण” करने की चेतावनी दी।

क्या होगा आगे? मध्यस्थ देशों जैसे कतर और मिस्र की कोशिशों के बावजूद, इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम की वार्ता बार-बार असफल हो रही है। हमास ने मई 2025 में ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ के प्रस्ताव को स्वीकार किया था, जिसमें 10 बंधकों की रिहाई के बदले 70 दिनों का युद्धविराम शामिल था, लेकिन नेतन्याहू ने इसे खारिज कर दिया।

विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की चेतावनियां और नेतन्याहू की आक्रामक रणनीति क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा सकती है। ईरान की सैन्य और वित्तीय सहायता पर निर्भर हमास और अन्य समूहों के साथ इजरायल का टकराव अब एक क्षेत्रीय युद्ध का रूप ले सकता है।

गाजा में इजरायल का सैन्य अभियान, ट्रंप की कूटनीतिक और सैन्य चेतावनियां, और ईरान की सख्त प्रतिक्रिया ने मध्य पूर्व को एक बार फिर युद्ध की कगार पर ला खड़ा किया है। क्या नेतन्याहू और खामेनेई के बीच यह तनाव शांति वार्ता की ओर बढ़ेगा या एक और बड़े संघर्ष को जन्म देगा, यह आने वाला समय ही बताएगा।

 

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