देश में बहुजन समाज के अधिकारों की अनदेखी
कांग्रेस के दलित चेयरमैन राजेंद्र पाल गौतम ने आरोप लगाया है कि देश में जनसंख्या बढ़ने के बावजूद सरकारी शिक्षण संस्थानों की संख्या पर्याप्त रूप से नहीं बढ़ाई गई। इसके उलट, निजी शिक्षण संस्थानों की संख्या तेजी से बढ़ी, लेकिन वहां आरक्षण लागू न होने और आर्थिक अभाव के कारण SC, ST और OBC वर्ग के बच्चों का पहुंचना मुश्किल हो गया। गौतम ने कहा कि यही कारण है कि कांग्रेस सरकार के दौरान निजी हायर एजुकेशन संस्थानों में आरक्षण लागू करने का कानून बनाया गया। इसे कोर्ट में चुनौती दी गई, लेकिन 2008, 2011 और 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे पूरी तरह सही ठहराया और कानून सम्मत कहा।
मोदी सरकार की विफलता पर हमला
गौतम ने भाजपा सरकार पर कटाक्ष किया कि 11 साल बीत गए, लेकिन केंद्र सरकार ने निजी शिक्षण संस्थानों में SC/ST/OBC आरक्षण लागू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि जल्दी से जल्दी इस कानून को लागू किया जाए और कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए मुफ्त कोचिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने बहुजन समाज को मुख्यधारा में लाने के लिए लगातार काम किया था, लेकिन मोदी सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
आदिवासी और बहुजन समाज पर साजिश
आदिवासी कांग्रेस के चेयरमैन विक्रांत भूरिया ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वोट का अधिकार और आरक्षण दोनों ही बहुजन समाज से छीने जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले सरकारी शिक्षण संस्थानों को धीरे-धीरे बंद किया जा रहा है और अब पूरी शिक्षा प्रणाली निजी हाथों में सौंप दी जा रही है। देश की 90% बहुजन आबादी को निजी संस्थानों में केवल 12% जगह मिल रही है। संसदीय कमेटी ने सुझाव दिया था कि SC को 15%, ST को 7.5% और OBC को 27% प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।
OBC वर्ग की उपेक्षा
कांग्रेस ओबीसी डिपार्टमेंट के चेयरमैन डॉक्टर अनिल जयहिंद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सरकार के आरक्षण कानून को लागू करने की पुष्टि की थी, लेकिन मोदी सरकार 11 साल से इस कानून को रोककर बैठी है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी खुद को OBC बताते हैं, लेकिन इन 11 सालों में इस वर्ग को जो नुकसान हुआ, वह अभूतपूर्व है। इसके अलावा, 2017 के बाद से आज तक मोदी सरकार क्रीमी लेयर को भी रिवाइज नहीं कर पाई।
जातिगत जनगणना और NFS की अनदेखी
जयहिंद ने आगे कहा कि NFS (Not Found Suitable) की समस्या लगातार बढ़ रही है। योग्य छात्रों को भी “NOT FOUND SUITABLE” का टैग दे दिया जाता है। जातिगत जनगणना पूरी नहीं की गई और इसके लिए कोई रोडमैप भी नहीं है। मंडल आयोग की 40 सिफारिशों में से सिर्फ 2 लागू हुईं, जबकि 38 अभी भी लंबित हैं।
कांग्रेस का आक्रामक संदेश
कांग्रेस नेताओं ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वे बहुजन समाज के अधिकारों और आरक्षण लागू करने में लगातार विफल रही है। कांग्रेस सरकार ने समानता और सामाजिक न्याय को मजबूत करने के लिए क्रांतिकारी कदम उठाए थे। अब समय है कि मोदी सरकार निजी कॉलेजों में SC/ST/OBC आरक्षण लागू करे, कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए मुफ्त कोचिंग की व्यवस्था करे और संविधान के अधिकार बहाल करे। कांग्रेस का स्पष्ट संदेश है कि बहुजन समाज की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।