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पहलगाम शहीद की पत्नी का गुस्सा – “शहीद पति के खून पर पाक से क्रिकेट? ऐसी देशभक्ति कैसी?”

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कानपुर/नई दिल्ली, 13 सितंबर 2025:

 पहलगाम में हाल ही हुए भयानक आतंकी हमले में शहीद हुए शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशान्या द्विवेदी ने भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले एशिया कप क्रिकेट मैच का कड़ा विरोध जताया है। कानपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ऐशान्या ने भावुक होकर कहा, “मेरे शहीद पति के खून पर खेलेंगे पाकिस्तान से क्रिकेट? यह कैसी देशभक्ति है?”

उन्होंने देशवासियों से अपील की कि 15 सितंबर को दुबई में होने वाले इस हाई-वोल्टेज मैच को टीवी पर न देखें और बीसीसीआई व खिलाड़ियों पर दबाव डालें कि इस मुकाबले से दूर रहें। ऐशान्या ने सवाल उठाया कि क्या “बीसीसीआई शहीद परिवारों की पीड़ा समझता भी है, या केवल अरबों रुपये के कारोबार में लगा है?”

पहलगाम हमला: शुभम द्विवेदी की शहादत

अगस्त 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी। इस हमले में 32 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर शुभम द्विवेदी, जो कानपुर के रहने वाले थे, समेत 7 निर्दोष लोग मारे गए। शुभम अपने परिवार के साथ छुट्टियां बिताने गए थे। अब उनकी पत्नी ऐशान्या अकेले बेटे की परवरिश कर रही हैं।

उन्होंने कहा, “मेरे पति का खून अभी सूखा भी नहीं है और हम दुश्मन से क्रिकेट खेलने की बात कर रहे हैं? यह हमारे शहीदों का अपमान है।”

भारत का गौरवशाली इतिहास: जब क्रिकेट से बड़ा था राष्ट्रहित और भारत ने कई बार राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए क्रिकेट को ठुकराया है:

1986: भारत ने श्रीलंका में होने वाला एशिया कप सुरक्षा कारणों से बॉयकॉट किया।

1990: पाकिस्तान ने भारत में होने वाला एशिया कप कश्मीर नीति का विरोध करते हुए छोड़ा।

1993: भारत-पाक तनाव के चलते एशिया कप ही रद्द कर दिया गया।

2008: भारत ने सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में भाग लेने से इनकार कर दिया।

ऐसे में लोग सवाल कर रहे हैं कि जब बीसीसीआई कमजोर था, तब भी हमने इनकार किया। आज इतनी ताकत होने के बावजूद क्यों झुक रहे हैं?”

राजनीतिक और क्रिकेट जगत की दोहरी बयानबाजी

इस विवाद ने नेताओं और क्रिकेट जगत की बयानबाजी में विरोधाभास को भी उजागर कर दिया है। बीजेपी के पूर्व सांसद और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने एक समय कहा था: “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, वैसे ही क्रिकेट और आतंकवाद साथ नहीं चल सकते।” लेकिन अब वही गौतम गंभीर भारतीय टीम के कोच हैं और भारत-पाक मुकाबला होने जा रहा है।

पूर्व खेल मंत्री और बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर भी कई बार पाकिस्तान से क्रिकेट न खेलने की वकालत कर चुके थे। लेकिन अब वही इस मैच का बचाव करते दिख रहे हैं।

सोशल मीडिया पर लोग इन नेताओं और क्रिकेट हस्तियों से पूछ रहे हैं कि जब विपक्ष में थे तो कड़े बयान दिए जाते थे, लेकिन सत्ता में आने के बाद “क्रिकेट कूटनीति” का तर्क क्यों?

सोशल मीडिया पर हंगामा

सोशल मीडिया पर #BoycottIndVsPak ट्रेंड कर रहा है। एक यूजर ने लिखा, “जब हमारे जवानों का खून बह रहा है तो क्रिकेट नहीं हो सकता।” वहीं दूसरे ने कहा, “बीसीसीआई को अरबों रुपये से ऊपर शहीद परिवारों का दर्द देखना चाहिए।”

ऐशान्या द्विवेदी का एक वीडियो, जिसमें उन्होंने क्रिकेटरों से सीधा सवाल पूछा – “क्या आप अपने शहीद भाइयों का अपमान करेंगे?” – वायरल हो रहा है। पूर्व क्रिकेटरों और कई सामाजिक संगठनों ने भी ऐशान्या की मांग का समर्थन किया है।

बड़ा सवाल

यह विवाद न सिर्फ क्रिकेट को प्रभावित कर रहा है, बल्कि भारत-पाक संबंधों की जटिलताओं को फिर से सामने ला रहा है। अब सबकी नजर इस पर है कि बीसीसीआई और सरकार इस मुद्दे पर क्या फैसला लेते हैं – क्या भारत-पाक मैच होगा या ऐशान्या की अपील के बाद बॉयकॉट का रास्ता अपनाया जाएगा?

 

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