माता सीता की जन्मभूमि सीतामढ़ी आज विपक्षी एकजुटता और भाजपा-विरोधी हुंकार का केंद्र बन गई। राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और पप्पू यादव की मौजूदगी में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ ने एक विशाल जनसैलाब को ऊर्जा दी। दिन की शुरुआत राहुल गांधी ने जानकी मंदिर में पूजा-अर्चना से की और माता सीता से देश की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। लेकिन मंदिर से बाहर निकलते ही उनका स्वर बदल गया और भाजपा-प्रधानमंत्री मोदी पर उन्होंने अब तक का सबसे तीखा हमला बोला।
“संविधान हमारी पवित्र किताब है, BJP उसे फाड़ रही है”
राहुल गांधी ने जनसभा में गर्जना करते हुए कहा कि “बाबा साहेब अंबेडकर ने हमें संविधान दिया। यही संविधान दलित, पिछड़े, आदिवासी, अल्पसंख्यक और गरीब को बराबरी का हक देता है। लेकिन भाजपा का असली चेहरा यही है कि ये लोग उन्हीं अधिकारों को छीन रहे हैं। बिहार में 65 लाख नाम मतदाता सूची से काट दिए गए। पूछिए—क्या इनमें किसी अमीर या बड़े उद्योगपति का नाम कटा? नहीं! ये साजिश गरीब, दलित और अल्पसंख्यक को बेआवाज़ करने की है।”
“भाजपा चुनाव नहीं जीतती, चोरी से सत्ता पाती है”
राहुल गांधी ने मंच से जनता को ललकारते हुए कहा: “कर्नाटक में हमने सबूत पेश किया कि भाजपा ने वोट चोरी की। अभी तो एक विधानसभा का प्रमाण दिखाया है, आने वाले दिनों में हम लोकसभा और हरियाणा सहित कई राज्यों का सच उजागर करेंगे। भाजपा और RSS चुनाव जीतते नहीं—ये सिर्फ चोरी से सत्ता में आते हैं। यह लोकतंत्र पर सीधा हमला है।”
बिहार की हुंकार: “वोट चोर – गद्दी छोड़”
सभा में मौजूद भीड़ बार-बार नारा लगा रही थी—“वोट चोर – गद्दी छोड़!”। राहुल गांधी ने कहा, “आज बिहार का बच्चा-बच्चा जान गया है कि नरेंद्र मोदी वोट चोरी करके प्रधानमंत्री बने हैं। ये आवाज अब दिल्ली तक जाएगी और सत्ता की दीवारें हिलेंगी।”
“चुनाव आयोग भी शामिल है”
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा: “भाजपा की पूरी योजना चुनाव आयोग के साथ मिलकर बनाई गई है। बिहार में वोट काटने का खेल चल रहा है। लेकिन जनता अब जाग चुकी है और अपना अधिकार नहीं छिनने देगी। याद रखिए, वोट आपकी ताकत है। अगर वोट छिन गया, तो आपका घर, आपकी ज़मीन, आपकी नौकरी सब छिन जाएगा।”
भाजपा की बौखलाहट और पलटवार
राहुल गांधी के इस हमले ने भाजपा खेमे में हलचल मचा दी है। भाजपा नेताओं ने तुरंत जवाब देते हुए राहुल पर “झूठ फैलाने” और “जनता को भड़काने” का आरोप लगाया। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि “राहुल गांधी चुनाव हारने के डर से पहले ही बहाने बना रहे हैं। उनके पास कोई मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए वे लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल उठा रहे हैं।”
लेकिन विपक्ष की ओर से यह जवाब आया कि “अगर भाजपा निर्दोष है तो जनता के सामने सबूत क्यों नहीं रखती? आखिर क्यों गरीबों और दलितों के नाम सूची से काटे जा रहे हैं? डर भाजपा को है, क्योंकि बिहार की जनता अब वोट चोरों को गद्दी से उतारने के लिए तैयार बैठी है।”
सीतामढ़ी से उठी ये गूंज अब सिर्फ बिहार की नहीं, बल्कि पूरे देश की आवाज बन चुकी है। विपक्ष ने साफ कर दिया है—2025 और 2029 की लड़ाई वोट के अधिकार की होगी। और इस लड़ाई का नारा गूंज रहा है: “वोट चोर – गद्दी छोड़!”