Home » Business » कृषि और व्यापार में AI की क्रांति: आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ता कदम

कृषि और व्यापार में AI की क्रांति: आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ता कदम

Facebook
WhatsApp
X
Telegram

लेखक: आलोक रंजन, वरिष्ठ पत्रकार

नई दिल्ली 2 सितंबर 2025

कृषि: भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़

भारत में कृषि केवल अन्न उत्पादन का साधन नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, परंपरा और पहचान का भी अहम हिस्सा है। आज भी लगभग 42% भारतीय आबादी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर करती है और यह क्षेत्र राष्ट्रीय जीडीपी में 18.2% योगदान देता है। यह आँकड़े भले ही गर्व का विषय हों, लेकिन इन चमकते हुए आंकड़ों के पीछे बड़ी चुनौतियाँ छिपी हैं। अधिकांश किसान छोटे खेतों के मालिक हैं और सीमित संसाधनों में खेती करते हैं। यही कारण है कि वे तकनीक और बाज़ार दोनों से कटे रहते हैं।

कृषि क्षेत्र की गहरी चुनौतियां

भारत का कृषि क्षेत्र आज भी कई कठिनाइयों से जूझ रहा है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि फसल की औसत पैदावार वैश्विक स्तर से काफी कम है। आधे से अधिक खेत पूरी तरह से वर्षा पर निर्भर हैं, जिससे सूखा या बेमौसम बारिश सीधे उत्पादन को प्रभावित करती है। इसके साथ ही कटाई के बाद की समस्याएं भी कम नहीं हैं। अनुमान है कि लगभग 15% उपज खराब भंडारण, खराब परिवहन और समय पर खरीदार न मिलने के कारण बर्बाद हो जाती है। यह नुकसान सिर्फ किसानों की मेहनत को नहीं मिटाता, बल्कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर डालता है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI): समाधान की एक नई राह

इन समस्याओं के बीच अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence – AI) किसानों के लिए उम्मीद की नई किरण बनकर सामने आ रही है। AI आधारित तकनीक किसानों को सही निर्णय लेने, खाद और पानी का संतुलित उपयोग करने तथा फसल की वैज्ञानिक योजना बनाने में मदद कर रही है। अनुसंधानों से पता चला है कि AI तकनीक से सिंचाई को अधिक प्रभावी बनाते हुए पानी की खपत 80% तक घटाई जा सकती है, वहीं उत्पादन में 20 से 30% तक वृद्धि संभव है।

डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और किसानों का जुड़ाव

आज भारत में 1.5 करोड़ से अधिक किसान विभिन्न डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से जुड़ चुके हैं। इन प्लेटफ़ॉर्म पर उन्हें उनकी मिट्टी, मौसम और फसल की किस्म के आधार पर सुझाव दिए जाते हैं। इस तरह की डिजिटल क्रांति ने किसानों को नई जानकारी और नए बाज़ारों से जोड़ दिया है। अब किसान केवल उपज उगाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे तकनीक की मदद से बेहतर दाम पाने और नुकसान कम करने में सक्षम हो रहे हैं।

कटाई के बाद नुकसान पर रोक

AI का उपयोग सिर्फ़ खेती तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कटाई के बाद की प्रक्रिया (Post-Harvest Management) में भी अहम योगदान दे रहा है। सही भंडारण की तकनीक, स्मार्ट सप्लाई चेन और खरीदार से सीधे संपर्क किसानों को मंडी की दलाली से मुक्ति दिला रहे हैं। इससे फसल का मूल्य संरक्षण हो रहा है और किसानों को उचित लाभ मिल रहा है।

अपनाने में आ रही बाधाएं

 AI का प्रभाव बढ़ रहा है, लेकिन इसके रास्ते में कई रुकावटें भी मौजूद हैं। आज भी देश के कई हिस्सों में भूमि अभिलेख डिजिटाइज़ नहीं हुए हैं, जिससे सटीक डेटा मिलना मुश्किल है। स्थानीय स्तर पर फसलों से जुड़ा डेटा भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है। दूसरी बड़ी चुनौती यह है कि गाँवों के अधिकांश किसान तकनीकी ज्ञान और डिजिटल उपकरणों की पहुँच से वंचित हैं। इसके अलावा, AI आधारित कृषि समाधानों के लिए स्पष्ट नीति और नियामक ढाँचा अभी पूरी तरह तैयार नहीं है।

सरकारी नीतियां और भविष्य का रास्ता

सरकार को चाहिए कि वह AI को कृषि में अपनाने के लिए मान्यता केंद्र (Validation Centers), डेटा प्राइवेसी कानून और AI आधारित ऋण योजनाएँ बनाए। इससे छोटे किसान भी तकनीकी क्रांति का हिस्सा बन सकेंगे। डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसे अभियान पहले ही मजबूत नींव रख चुके हैं। अब आवश्यकता इस बात की है कि इन पहलों का सीधा लाभ कृषि क्षेत्र तक पहुँचे।

कृषि और व्यापार का भविष्य

भारत आज एक नए कृषि और व्यापारिक युग की दहलीज पर खड़ा है। जलवायु परिवर्तन, सीमित संसाधन और खाद्य सुरक्षा की बढ़ती आवश्यकता हमें तकनीकी बदलाव अपनाने के लिए बाध्य कर रही है। यदि AI और आधुनिक तकनीकों को सही ढंग से लागू किया गया तो भारत न सिर्फ अपने किसानों की आय बढ़ा सकता है, बल्कि वैश्विक खाद्य निर्यातक के रूप में भी अपनी स्थिति को और मजबूत कर सकता है। चावल, गेंहू और झींगा उद्योग जैसे क्षेत्रों में भारत की हिस्सेदारी पहले से ही बड़ी है और AI इन निर्यातों को और अधिक प्रतिस्पर्धी बना सकता है।

यह लेख स्पष्ट करता है कि भारत की कृषि और व्यापार का भविष्य नवाचार और तकनीकी उपयोग पर टिका हुआ है। यदि किसानों को समय पर तकनीक, जानकारी और बाज़ार तक पहुँच मिले तो भारत आत्मनिर्भर कृषि अर्थव्यवस्था के साथ-साथ वैश्विक कृषि व्यापार में भी अग्रणी बन सकता है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *