स्वतंत्रता दिवस के विशेष मेहमानों के रूप में दिल्ली पहुंचे देशभर के किसानों से आज केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूसा परिसर में मुलाकात की। उन्होंने किसानों को स्वदेशी अपनाने की शपथ दिलाई और कहा कि यदि हम अपने राज्य और देश में बने उत्पाद खरीदेंगे तो लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा।
चौहान ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारत की आज़ादी हमें यूं ही नहीं मिली, बल्कि हजारों क्रांतिकारियों ने हंसते-हंसते अपने प्राण न्यौछावर किए। गीता हाथ में लेकर और “भारत माता की जय” के उद्घोष के साथ उन्होंने फांसी का फंदा चूमा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर उल्लेखित “ऑपरेशन सिंदूर” का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत किसी को उकसाता नहीं, लेकिन अगर कोई भारत को उकसाएगा तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा। यह ऑपरेशन 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या का बदला था और हमारे सैनिकों के अदम्य साहस का प्रमाण है।
चौहान ने कहा कि “स्वदेशी” का अर्थ है – देश में बने उत्पाद। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर हम दिवाली पर कुम्हारों से मिट्टी के दीप खरीदें, तो न केवल हमारे घर रोशन होंगे, बल्कि उनके घरों में भी रोजगार का दीप जलेगा।
उन्होंने साफ किया कि प्रधानमंत्री ने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों से समझौता न करने का वादा किया है। ब्रिटेन के साथ करार का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि वहां भारतीय कृषि उत्पाद बिना किसी टैक्स के जा सकते हैं, लेकिन यदि किसी समझौते से सस्ते विदेशी उत्पाद भारत में आ जाएंगे, तो यह हमारे किसानों को बर्बाद कर देगा।
मंत्री ने कहा कि सरकार अब केवल फाइलों में नहीं, बल्कि लोगों के जीवन में दिखाई देनी चाहिए। उन्होंने खरपतवारनाशक से फसल बर्बाद होने की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कराने और सख्त कार्रवाई का आदेश दिया।
शिवराज चौहान ने बताया कि पहली बार कृषि वैज्ञानिक गांव-गांव जाकर किसानों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और 3 से 18 अक्टूबर के बीच वे फिर से यह अभियान चलाएंगे। रबी फसल में सुधार के लिए दो दिवसीय सम्मेलन भी आयोजित होगा। उन्होंने कहा, “कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा हैं। किसानों की सेवा करना मेरे लिए ईश्वर की सेवा के समान है।”
इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर, भगीरथ चौधरी, कृषि सचिव श्री देवेश चतुर्वेदी, आईसीएआर महानिदेशक डॉ. एम.एल. जात और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। धन्यवाद ज्ञापन संयुक्त सचिव पेरिन देवी ने दिया।