राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर जहां सरकारें चिंता जता रही हैं, वहीं अब यह मुद्दा एक नए राजनीतिक विवाद में बदल गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा-शासित दिल्ली नगर निगम (MCD) और राज्य सरकार “प्रदूषण डेटा में धांधली (Pollution Data Fraud)” कर रही हैं। AAP के दिल्ली अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने एक वीडियो साझा किया है जिसमें MCD के दो वाटर टैंकर आनंद विहार वायु गुणवत्ता मॉनिटरिंग स्टेशन (AQI Station) के आसपास लगातार पानी छिड़कते दिखाई दे रहे हैं।
AAP का दावा है कि यह पूरा ‘ऑपरेशन’ प्रदूषण नियंत्रण नहीं, डेटा मैनेजमेंट है ताकि AQI की रीडिंग कृत्रिम रूप से कम दिखाई जाए। सौरभ भारद्वाज ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा —
“BJP Government – Pollution Data Fraud! दिल्ली में दिन-रात पानी छिड़का जा रहा है ताकि मॉनिटरिंग स्टेशन के सेंसर पर धूल जमने से पहले ही उसे धो दिया जाए और AQI के आंकड़े बेहतर दिखें। यही लोग कहते हैं कि EVM में कोई गड़बड़ी नहीं होती। जब वे हर चीज़ में बेईमानी करते हैं तो यहां ईमानदारी की उम्मीद कैसे की जाए?”
AAP नेता भारद्वाज ने वीडियो साझा करते हुए कहा कि “यह प्रदूषण नियंत्रण नहीं, डेटा प्रबंधन है।” उनका आरोप है कि पानी के छिड़काव से अस्थायी रूप से हवा की गुणवत्ता “बेहतर” दिखाई देती है, जबकि वास्तविक प्रदूषण स्तर में कोई स्थायी सुधार नहीं होता। उन्होंने कहा कि “सरकार कैमरे और सेंसर के लिए शहर को धो रही है, जनता के लिए नहीं।”
इस आरोप के जवाब में भाजपा ने इसे “राजनीतिक ड्रामा” बताया। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, “AAP नेताओं का काम सिर्फ झूठ फैलाना है। पानी का छिड़काव प्रदूषण नियंत्रण की नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है, जो पूरे शहर में की जाती है। यह केवल आनंद विहार तक सीमित नहीं है। सौरभ भारद्वाज को प्रदूषण की चिंता नहीं, बल्कि सुर्खियों की भूख है।”
वहीं MCD के मेयर राजा इकबाल सिंह ने कहा कि “वाटर स्प्रिंकलर्स और एंटी-स्मॉग गन पूरे दिल्ली में पिछले एक महीने से लगातार काम कर रहे हैं। आनंद विहार में भी वही प्रक्रिया अपनाई गई। इसे राजनीतिक रंग देना बेईमानी है।” उन्होंने कहा कि नगर निगम ने पिछले हफ्ते ही 266 वाटर स्प्रिंकलर, 91 रोड स्वीपिंग मशीनें और 376 एंटी-स्मॉग गन सक्रिय की हैं।
लेकिन इस बीच, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के डेटा ने सौरभ भारद्वाज के आरोपों को और दिलचस्प बना दिया। शनिवार को आनंद विहार स्टेशन पर दोपहर 3 बजे तक PM10 का स्तर 736 μg/m³ दर्ज किया गया था, लेकिन कुछ ही घंटों में यह अचानक गिरकर 291 μg/m³ पर आ गया — यानी करीब 60% की गिरावट। बाद में जब पानी का छिड़काव बंद हुआ, तो दोबारा स्तर बढ़कर 600 के पार पहुंच गया। विशेषज्ञों का कहना है कि यह “आर्टिफिशियल डिप” था, जो केवल मॉनिटरिंग स्टेशन के आस-पास हुआ, पूरे शहर में नहीं।
सीआरईसीए (Centre for Research on Energy and Clean Air) के वायु गुणवत्ता विश्लेषक डॉ. मनोज कुमार ने कहा, “बारिश या पानी छिड़कने से अस्थायी तौर पर धूल का जमाव रुक जाता है, जिससे PM10 और PM2.5 में कमी दिखती है, लेकिन यह स्थायी सुधार नहीं होता। जब पानी सूख जाता है, तो धूल दोबारा उड़ती है और प्रदूषण फिर बढ़ जाता है। ऐसे में डेटा को असली सुधार नहीं माना जा सकता।”
दिल्ली के आनंद विहार को लंबे समय से “प्रदूषण हॉटस्पॉट” माना जाता है, क्योंकि यह रेलवे स्टेशन, बस टर्मिनल (ISBT), औद्योगिक क्षेत्र और भारी यातायात के बीच स्थित है। यहां की हवा अक्सर “गंभीर (Severe)” श्रेणी में होती है। शनिवार रात 9 बजे स्टेशन पर AQI 431 दर्ज किया गया, जो “गंभीर” श्रेणी का स्तर है।
AAP और BJP के बीच यह तकरार अब केवल प्रदूषण नियंत्रण की नहीं, बल्कि “सच्चाई बनाम आंकड़ों की लड़ाई” बन चुकी है। एक ओर AAP का दावा है कि सरकार “कैमरे के लिए शहर धो रही है,” वहीं भाजपा का कहना है कि यह “राजनीतिक गंदगी साफ करने का बहाना” है। लेकिन सवाल यही है — क्या दिल्ली की हवा वास्तव में साफ हो रही है, या केवल आंकड़ों में?





