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विदेशी छात्रों पर लगे प्रतिबंधों के एक साल बाद ऑस्ट्रेलिया को फिर क्यों चाहिए ज़्यादा इंटरनेशनल स्टूडेंट्स?

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सिडनी/नई दिल्ली, 6 अगस्त 2025

एक साल पहले कड़े वीज़ा और नामांकन प्रतिबंधों के जरिए अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या पर लगाम कसने वाला ऑस्ट्रेलिया अब एक बार फिर विदेश से आने वाले छात्रों का स्वागत करने के लिए तैयार है। देश की आर्थिक और जनसांख्यकीय ज़रूरतों को देखते हुए ऑस्ट्रेलियाई सरकार अब विदेशी छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी की वकालत कर रही है।

2024 में आव्रजन और शिक्षा नीतियों में बदलाव कर ऑस्ट्रेलिया ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए वीज़ा प्रक्रियाएं कठिन कर दी थीं। लेकिन इससे वहां की उच्च शिक्षा संस्थानों और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा। अब सरकार मानती है कि उच्च गुणवत्ता वाले विदेशी छात्र देश में कौशल, निवेश और मानव संसाधन की कमी को दूर करने में मददगार हो सकते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह बदलाव उन छात्रों के लिए अच्छा संकेत है जो ऑस्ट्रेलिया में शिक्षा हासिल कर वहीं स्थायी निवास (PR) की ओर बढ़ना चाहते हैं। भारत, चीन, नेपाल और वियतनाम जैसे देशों के छात्रों को विशेष रूप से इसका फायदा मिल सकता है।

सरकार उन पाठ्यक्रमों को प्राथमिकता दे रही है जो ऑस्ट्रेलिया के कौशल अंतराल को भर सकते हैं, जैसे आईटी, नर्सिंग, इंजीनियरिंग, साइंस और एजुकेशन।

हालांकि, आलोचकों का मानना है कि यह नीति बदलाव केवल आर्थिक दबाव के चलते लिया गया है और इससे शैक्षिक गुणवत्ता पर समझौता हो सकता है।

विदेशी छात्रों के लिए एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया में अवसरों के द्वार खुल सकते हैं, लेकिन यह अवसर उन्हीं के लिए होंगे जो न केवल पढ़ाई करना चाहते हैं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था और समाज में सार्थक योगदान देने को भी तैयार हैं।

 

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