कश्मीर की शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव लाने की दिशा में कश्मीर स्कूल फेडरेशन (KSF) ने ऐतिहासिक सुधारों की घोषणा की है। फेडरेशन का कहना है कि इन कदमों से घाटी में न सिर्फ शिक्षा का स्तर बेहतर होगा बल्कि महिला नेतृत्व और जमीनी भागीदारी को भी नई मजबूती मिलेगी।
सबसे बड़ा बदलाव यह है कि पहली बार सायमा फिरदौस को KSF की महिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति संगठन की अब तक की यात्रा का महत्वपूर्ण मोड़ है, जिसे घाटी में महिला नेतृत्व और शिक्षा क्षेत्र में सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
महिला नेतृत्व को संस्थागत रूप देने के लिए संगठन ने 40% आरक्षण महिलाओं के लिए लागू करने का फैसला किया है। इस पहल से महिलाओं को नीतिगत और निर्णय लेने की प्रक्रिया में निर्णायक भूमिका मिलेगी।
शिक्षा का दायरा बढ़ाते हुए फेडरेशन ने अब मदरसे, दारुल उलूम और पंजीकृत कोचिंग सेंटर्स को भी अपने नेटवर्क से जोड़ने का निर्णय लिया है। अधिकारियों का मानना है कि इस कदम से विविध पृष्ठभूमि से आने वाले विद्यार्थियों को एक साझा मंच, बेहतर संसाधन और मार्गदर्शन उपलब्ध होगा।
जमीनी स्तर पर कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए फेडरेशन ने जिला संयोजक और जिला इकाइयों का गठन भी किया है। ये प्रतिनिधि स्थानीय स्तर पर फेडरेशन के कार्यक्रमों को लागू करेंगे और छात्रों तक सुधारों को पहुँचाने में अहम भूमिका निभाएँगे।
KSF के एक प्रवक्ता ने इस मौके पर कहा – “हमारा उद्देश्य कश्मीर में शिक्षा को प्रगतिशील, समावेशी और उच्च गुणवत्ता वाला बनाना है। फेडरेशन इस दिशा में हर संभव प्रयास करेगा ताकि आने वाली पीढ़ियाँ एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकें।”