पटना/नई दिल्ली, 7 अक्टूबर 2025
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज़ हो गया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो और बिहार की राजनीति के धुरंधर लालू प्रसाद यादव ने अपने चिरपरिचित व्यंग्यात्मक अंदाज़ में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) पर ज़ोरदार हमला बोला है। चुनाव आयोग द्वारा मतदान की तारीखों की घोषणा किए जाने के तुरंत बाद, लालू यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) पर एक संक्षिप्त लेकिन तीखा पोस्ट किया, जिसने पूरे सियासी माहौल में गर्माहट ला दी है।
तंज भरा ‘ट्वीट’ और उसका निहितार्थ
लालू प्रसाद यादव ने अपने पोस्ट में लिखा, “छह और ग्यारह, एनडीए नौ दो ग्यारह!” लालू यादव का यह बयान सीधे तौर पर बिहार विधानसभा चुनाव के लिए घोषित दो चरणों के मतदान की तारीखों (6 नवंबर और 11 नवंबर) को निशाना बनाता है। हिंदी मुहावरे ‘नौ दो ग्यारह’ (जिसका अर्थ होता है भाग जाना या गायब हो जाना) का इस्तेमाल करते हुए लालू यादव ने यह संकेत दिया है कि इन दोनों चरणों के मतदान के बाद बिहार से डबल इंजन की NDA सरकार की विदाई तय है। अनुभवी राजनेता के इस ‘तुकबंदी भरे तंज’ को राजद के समर्थक और महागठबंधन के नेता आत्मविश्वास से भरी भविष्यवाणी के रूप में देख रहे हैं, जबकि विरोधी इसे केवल एक जुमला बताकर खारिज कर रहे हैं।
सियासी माहौल में नारों की जंग
लालू यादव के इस पोस्ट ने चुनावी रण में नारों की जंग को भी जन्म दे दिया है। लालू यादव और उनके महागठबंधन (INDIA गठबंधन) के लिए यह नारा अब चुनावी रैलियों और सोशल मीडिया पर एक प्रमुख हथियार बन गया है, जो मतदाताओं को बदलाव के लिए प्रेरित करने का प्रयास कर रहा है।
दूसरी ओर, सत्ताधारी NDA (जिसमें भाजपा और जदयू प्रमुख दल हैं) की ओर से भी लालू यादव के इस तंज पर पलटवार किया गया है। भाजपा और जदयू के नेताओं ने लालू के इस बयान को अति-आत्मविश्वास और खोखला बताया है। बिहार भाजपा प्रभारी विनोद तावड़े ने लालू के नारे पर जवाबी हमला बोलते हुए सोशल मीडिया पर लिखा: “छह और ग्यारह… गुंडाराज न आए दोबारा।” यह पलटवार सीधे तौर पर राजद के 15 साल के शासनकाल को ‘जंगलराज’ बताकर, पुराने मुद्दों को फिर से हवा देने की रणनीति का हिस्सा है। इस तरह, ‘छह और ग्यारह, NDA नौ दो ग्यारह’ बनाम ‘छह और ग्यारह, गुंडाराज न आए दोबारा’ की सियासी जंग ने बिहार के चुनावी प्रचार को एक नई दिशा दे दी है।
लालू यादव का यह तंज दिखाता है कि वह अभी भी बिहार की राजनीति की दिशा और दशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, भले ही उन्होंने पार्टी की कमान अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव को सौंप दी हो। उनका यह बयान विपक्षी इंडिया गठबंधन के आत्मविश्वास को बढ़ाने और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा NDA की सरकार के ख़िलाफ़ ‘बदलाव की लहर’ पैदा करने की एक स्पष्ट रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। 14 नवंबर को मतगणना के दिन ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि लालू यादव का ‘नौ दो ग्यारह’ वाला तंज कितना सटीक साबित होता है।