Home » National » हरियाणा के ADGP वाई.एस. पूरन की रहस्यमय मौत — चंडीगढ़ स्थित घर में आत्महत्या की

हरियाणा के ADGP वाई.एस. पूरन की रहस्यमय मौत — चंडीगढ़ स्थित घर में आत्महत्या की

Facebook
WhatsApp
X
Telegram

चंडीगढ़, 7 अक्टूबर 2025

एक स्तब्ध कर देने वाली घटना में, हरियाणा पुलिस के एक अत्यंत वरिष्ठ और प्रभावशाली अधिकारी ADGP वाई.एस. पूरन कुमार का शव आज सुबह चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित उनके सरकारी आवास से बरामद हुआ है। प्रारंभिक जांच में यह मामला आत्महत्या का बताया जा रहा है, जिससे समूचे प्रशासनिक और पुलिस हलकों में एक गहरा सदमा फैल गया है। पूरन कुमार को अपनी ही सर्विस रिवॉल्वर से गोली लगी हुई हालत में पाया गया, जिसने इस दुःखद घटना की भयावहता को और बढ़ा दिया है। यह सिर्फ एक अधिकारी की मौत नहीं है, बल्कि यह घटना भारतीय पुलिस सेवा के भीतर पनप रहे दबाव, तनाव और संभवतः गहरे रहस्यों की ओर भी इशारा करती है, जिसने हरियाणा पुलिस तंत्र के शीर्ष पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है।

घटना की पूरी रूपरेखा और प्रारंभिक जांच

घटना की पूरी रूपरेखा अत्यंत संवेदनशील और नाटकीय है, जिसने पुलिस प्रशासन को तुरंत हरकत में आने के लिए मजबूर कर दिया। सूत्रों के अनुसार, सोमवार दोपहर करीब 1:30 बजे पुलिस नियंत्रण कक्ष को यह विचलित कर देने वाली सूचना मिली कि ADGP वाई.एस. पूरन के चंडीगढ़ स्थित आवास से गोली चलने की आवाज़ सुनी गई है। जब स्थानीय पुलिस और तत्काल बुलाई गई टीमें मौके पर पहुँची, तो अधिकारी का शव उनके घर के बेसमेंट में पड़ा मिला। तत्काल ही फॉरेंसिक विशेषज्ञों को बुलाया गया, जिन्होंने घटनास्थल की संवेदनशीलता को देखते हुए विस्तृत जाँच शुरू कर दी है। फॉरेंसिक टीम ने रिवॉल्वर को बरामद कर लिया है और वैज्ञानिक विश्लेषण के लिए भेजा गया है। फिलहाल पुलिस ने प्राथमिक तौर पर इसे आत्महत्या का मामला मानते हुए जांच शुरू कर दी है, लेकिन उच्चाधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया है कि किसी भी अन्य संभावना को तब तक नकारा नहीं जाए जब तक कि वैज्ञानिक और परिस्थितिजन्य साक्ष्य अंतिम निष्कर्ष पर न पहुँच जाएं, जिससे यह मामला और भी रहस्यमय हो गया है।

कौन थे वाई.एस. पूरन कुमार? एक प्रतिष्ठित करियर का अंत

वाई.एस. पूरन कुमार भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के 2001 बैच के हरियाणा कैडर के एक जाने-माने और अत्यधिक सम्मानित अधिकारी थे। उनका करियर शानदार उपलब्धियों और कठोर अनुशासन से भरा रहा है। वर्तमान में वे पुलिस प्रशिक्षण केंद्र, सुनारिया (रोहतक) में IGP (पुलिस महानिरीक्षक) के महत्वपूर्ण पद पर तैनात थे, हालांकि प्रशासनिक गलियारों में उनकी पदोन्नति की चर्चाएँ चल रही थीं। उन्होंने हरियाणा पुलिस में कई महत्वपूर्ण और संवेदनशील पदों पर कार्य किया था और अपनी सख्त और अडिग कार्यशैली के लिए जाने जाते थे, जिसके कारण वे प्रशंसा और विवाद दोनों का केंद्र रहे थे। व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो, वे IAS अधिकारी अमनीत कौर के पति थे, जो स्वयं हरियाणा सरकार में एक वरिष्ठ और प्रभावशाली पद पर कार्यरत हैं, जिससे इस घटना ने प्रशासनिक वर्ग में एक बड़ी राजनीतिक और सामाजिक हलचल पैदा कर दी है। 19 मई 1973 को जन्मे पूरन कुमार 31 मई 2033 को सेवानिवृत्त होने वाले थे, जिससे उनके आकस्मिक और रहस्यमय अंत ने उनके पीछे कई अनसुलझे सवाल छोड़ दिए हैं।

संभावित कारणों पर सस्पेंस और प्रशासनिक दबाव

इस दुःखद घटना के संभावित कारणों पर सस्पेंस गहराता जा रहा है, क्योंकि अभी तक कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, जिससे पुलिस को अधिकारी के अंतिम कदम के पीछे की वजह जानने में बड़ी मुश्किल आ रही है। जांच अधिकारी अब उनके मोबाइल फ़ोन, ईमेल संचार और व्यक्तिगत दस्तावेज़ों की गहन जांच कर रहे हैं, ताकि कोई ऐसा सुराग मिल सके जो इस रहस्य को सुलझा सके। प्रशासनिक सूत्रों ने दबी ज़ुबान में यह स्वीकार किया है कि अधिकारी कुछ समय से गंभीर तनाव में थे। सूत्रों की मानें तो हाल के दिनों में उनका नाम कुछ प्रशासनिक विवादों और उच्च स्तरीय तबादलों को लेकर भी सुर्खियों में आया था, जिसके कारण उन्हें भारी दबाव का सामना करना पड़ रहा था। यह स्पष्ट नहीं है कि यह तनाव विशुद्ध रूप से व्यक्तिगत था या प्रशासनिक और सेवा संबंधी दबावों का परिणाम था, लेकिन इस आकस्मिक निधन ने यह साबित कर दिया है कि पुलिस सेवा का शीर्ष पद भी मानसिक और भावनात्मक सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकता।

पुलिस और प्रशासन में शोक और जाँच की मांग

ADGP पूरन कुमार की रहस्यमय मौत की खबर सुनते ही हरियाणा पुलिस बल में शोक, सदमे और गहरे दुःख की लहर दौड़ गई है। कई वरिष्ठ IPS और IAS अधिकारियों ने इस घटना पर दुःख व्यक्त करते हुए इसे “सेवा में समर्पित, अत्यंत अनुशासित और ईमानदार अधिकारी की एक अपूरणीय क्षति” बताया है। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए, हरियाणा सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इस पूरे मामले की गहराई से जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) गठित करने के संकेत दिए हैं। इस एसआईटी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाएगा कि आत्महत्या के पहलू के साथ-साथ किसी भी अन्य संभावित एंगल, जैसे कि फ़ाउल प्ले (foul play) या किसी बाहरी दबाव, की भी गहनता से जाँच की जाए।

आत्ममंथन का एक गंभीर क्षण

ADGP वाई.एस. पूरन कुमार की असमय और रहस्यमय मौत ने भारतीय प्रशासनिक और सुरक्षा तंत्र के भीतर एक गंभीर आत्ममंथन का क्षण पैदा कर दिया है। यह घटना एक बार फिर से इस मूलभूत प्रश्न को सामने लाती है — क्या हमारे सुरक्षा अधिकारियों को उनकी क्षमता से अधिक प्रशासनिक दबाव और असहनीय मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है, जिसने उन्हें भीतर से तोड़ दिया है? या फिर इस अचानक मौत के पीछे कोई और गहरा रहस्य छिपा है जिसे सामने आना बाकी है? जब तक एसआईटी अपनी रिपोर्ट पेश नहीं करती, तब तक अटकलों का बाजार गर्म रहेगा। लेकिन एक बात स्पष्ट है: यह त्रासदी हरियाणा पुलिस तंत्र के लिए एक कठोर चेतावनी है कि उसे अपने अधिकारियों के मानसिक स्वास्थ्य, प्रशासनिक दबाव और कार्य-जीवन संतुलन (work-life balance) जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर तत्काल और गंभीर ध्यान देने की आवश्यकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *