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कटक में तनाव: VHP और पुलिस में झड़प, तोड़फोड़, 24 घंटे के लिए सोशल मीडिया पर पाबंदी

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भुवनेश्वर, 6 अक्टूबर 2025

ओडिशा के ऐतिहासिक शहर कटक में रविवार को अचानक तनाव की लहर दौड़ गई, जब विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यकर्ताओं और पुलिस बल के बीच भिड़ंत हो गई। यह झड़प उस समय हुई जब स्थानीय स्तर पर एक धार्मिक जुलूस के दौरान भीड़ ने प्रशासनिक निर्देशों का उल्लंघन किया। मामूली कहासुनी ने जल्द ही हिंसक रूप ले लिया और दोनों ओर से पथराव शुरू हो गया। कई इलाकों में अफरा-तफरी मच गई, दुकानें बंद हो गईं और लोग अपने घरों में दुबक गए। देर शाम तक स्थिति नियंत्रण से बाहर होती दिखी, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े ताकि भीड़ को तितर-बितर किया जा सके। इस बीच वीएचपी ने तोड़फोड़ भी की। 

सरकार ने दिखाई सख्ती — सोशल मीडिया पर पूरी रोक

घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए ओडिशा सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए कटक म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन, कटक डेवलपमेंट अथॉरिटी (CDA) और 42 मौजा क्षेत्र में सोशल मीडिया पर पूर्ण प्रतिबंध लागू कर दिया है। यह प्रतिबंध आज शाम 7 बजे से लेकर कल शाम 7 बजे तक (24 घंटे) के लिए रहेगा। राज्य गृह विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि इस अवधि में व्हाट्सएप, फेसबुक, एक्स (ट्विटर), इंस्टाग्राम और टेलीग्राम जैसे सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स तक पहुंच अस्थायी रूप से बंद रहेगी। सरकार का कहना है कि यह निर्णय “अफवाहों और भड़काऊ संदेशों के प्रसार को रोकने” के लिए आवश्यक है, ताकि शहर में कानून-व्यवस्था बहाल रखी जा सके। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ आईटी अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कैसे शुरू हुआ विवाद — भीड़ और पुलिस में टकराव

जानकारी के अनुसार, यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब वीएचपी के कार्यकर्ता धार्मिक झंडे और नारों के साथ एक शोभायात्रा निकाल रहे थे। स्थानीय प्रशासन ने पहले ही तय मार्ग और ध्वनि सीमा को लेकर निर्देश जारी किए थे, लेकिन भीड़ के बढ़ने से पुलिस ने रास्ता रोकने की कोशिश की। इसी दौरान कुछ लोगों ने पुलिस पर नारेबाजी शुरू कर दी और देखते ही देखते पुलिस और वीएचपी कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की और पत्थरबाज़ी शुरू हो गई। मौके पर मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा। कई वाहनों और दुकान के शीशे टूट गए, जबकि कुछ पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी घायल भी हुए। प्रशासन ने हालात को देखते हुए तुरंत आसपास के इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) तैनात कर दी।

स्थिति अब नियंत्रण में, पर तनाव बरकरार

कटक के पुलिस कमिश्नर ने मीडिया से बातचीत में बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन शहर में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है। पुलिस बल को चौक-चौराहों पर तैनात किया गया है और पूरे शहर में फ्लैग मार्च निकाला जा रहा है। प्रशासन ने सभी धार्मिक और सामाजिक संगठनों से अपील की है कि वे अपने कार्यकर्ताओं को संयम बरतने और कानून का पालन करने की सलाह दें। पुलिस ने उन इलाकों की निगरानी बढ़ा दी है जहां कल पत्थरबाज़ी और हिंसा हुई थी।

जनता से शांति बनाए रखने की अपील

कटक जिला प्रशासन ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा है कि “किसी भी अफवाह या सोशल मीडिया संदेश पर विश्वास न करें। प्रशासन हालात पर पूरी तरह नज़र रखे हुए है।” अधिकारियों ने बताया कि आपातकालीन सेवाओं और सरकारी संचार नेटवर्क को छोड़कर किसी को भी इंटरनेट एक्सेस की अनुमति नहीं दी जाएगी। आईटी और साइबर सेल की विशेष टीमें अब 24 घंटे ऑनलाइन गतिविधियों की निगरानी करेंगी ताकि किसी भी प्रकार की गलत जानकारी या वीडियो को तुरंत ब्लॉक किया जा सके।

राजनीतिक माहौल में भी हलचल

घटना के बाद राज्य की राजनीति भी गरमा गई है। विपक्षी दलों ने इस टकराव को “प्रशासन की नाकामी” बताते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है। वहीं, ruling BJD सरकार ने विपक्ष पर राजनीतिक लाभ के लिए स्थिति भड़काने का आरोप लगाया है। राज्य के गृह सचिव ने कहा कि “कानून से ऊपर कोई नहीं है, और जो भी हिंसा फैलाने में शामिल होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

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