इस्लामाबाद/क्वेटा 30 सितंबर 2025
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा एक बार फिर आतंक के निशाने पर आ गया। मंगलवार को फ्रंटियर कॉर्प्स (FC) हेडक्वार्टर के पास हुए आत्मघाती हमले में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और 33 से अधिक लोग घायल हो गए। मरने वालों में सुरक्षाबल के जवान भी शामिल हैं। धमाका इतना जोरदार था कि पूरे इलाके में दहशत फैल गई और कई किलोमीटर दूर तक इसकी आवाज़ सुनी गई।
हमला कैसे हुआ?
पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, एक आत्मघाती हमलावर विस्फोटकों से भरी गाड़ी लेकर आया और सीधे फ्रंटियर कॉर्प्स हेडक्वार्टर के पास टकराकर धमाका कर दिया। घटना के तुरंत बाद मौके पर अफरातफरी मच गई। सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया और घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
मरने वालों और घायलों की संख्या
अब तक की रिपोर्ट के अनुसार, धमाके में 10 लोगों की मौत हुई है और 33 से ज्यादा घायल हुए हैं। घायलों में कई की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
जिम्मेदारी और संदेह
फिलहाल किसी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन अधिकारियों को शक है कि इसके पीछे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) या बलूच उग्रवादी गुटों का हाथ हो सकता है। बलूचिस्तान लंबे समय से आतंकवाद और अलगाववादी हिंसा का गढ़ रहा है।
पाकिस्तान सरकार पर दबाव
यह धमाका ऐसे समय हुआ है जब पाकिस्तान पहले से ही आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता से गुजर रहा है। विपक्ष लगातार सरकार पर सुरक्षा चूक का आरोप लगा रहा है। वहीं जनता सवाल उठा रही है कि सुरक्षा एजेंसियां कब तक आतंकियों के निशाने पर रहेंगी और नागरिकों की जानें जाती रहेंगी।
आतंक की गिरफ्त में पाकिस्तान
क्वेटा का यह हमला साफ दिखाता है कि पाकिस्तान आतंकवाद की आग में झुलसता जा रहा है। न तो सुरक्षाबल सुरक्षित हैं और न ही आम नागरिक। सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान कभी अपने पाले और पोषे आतंकवाद पर लगाम लगा पाएगा या फिर बार-बार ऐसी घटनाएं जनता की जान लेती रहेंगी?