ओटावा / नई दिल्ली, 30सितंबर 2025
कनाडा सरकार ने आज एक ऐतिहासिक एवं नाटकीय कदम उठाते हुए भारतीय गैंगर लॉरेंस बिश्नोई की गैंग को “आतंकी संगठन (terrorist entity)” घोषित कर दिया है।
आरोप और निर्णय के कारण
कनाडा के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री गेरी अनंदासन्गरी ने बताया कि बिश्नोई गैंग ने कनाडा में प्रवासी समुदायों को डराने-धमकाने, उत्पीड़न, हत्या, गोलाबारी और अग्नि घटनाओं (arson) जैसी कार्रवाइयों में संलग्न रहने का आरोप है। उन्होंने कहा कि यह गिरोह विशेष समुदायों को लक्ष्य बनाकर “डर का माहौल” (climate of fear & intimidation) तैयार करता रहा है।
यह निर्णय उन आरोपों के बीच आया है जो इस गैंग को 2023 में कनाडा में हर्डीप सिंह निझार की हत्या से जोड़ते हैं। कनाडा का रॉयल कैनेडियन माऊंटेड पुलिस (RCMP) का मानना है कि इस गैंग का भारत के कुछ तंत्र से संबंध है, और यह भारत की सरकार की मदद से विरोधियों पर दबाव बनाने का कार्य करता है।
कानूनी और प्रतिबंधात्मक उपाय
गैंग को आतंकवादी संगठन घोषित करने का मतलब है कि कनाडा में इसके संपत्ति को जब्त किया जा सकेगा और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अधिक कठोर तरीके से की जा सकेगी। इसके अलावा, इसके सदस्यों या समर्थकों को वित्तीय सहायता देना या गैंग की संपत्ति से लेन-देन करना भी अपराध माना जाएगा।
कनाडा सरकार ने यह ठोस संदेश दिया है कि “हिंसा और आतंक” का देश में कोई स्थान नहीं है, विशेषकर जब वे समुदायों को भयभीत करने के लिए की जाएँ।
लॉरेंस बिश्नोई कौन हैं?
लॉरेंस बिश्नोई पंजाब (भारत) से संबंध रखने वाला एक कुख्यात अपराधी है, जिस पर भारत में अनेक अपराधों का केस दर्ज है, जिनमें हत्या, वसूली, ड्रग्स एवं हथियार तस्करी शामिल हैं।
वह लगभग एक दशक से जेल में बंद हैं, किन्तु आरोप है कि वे विदेशों में अपने समर्थकों को निर्देश देते रहते हैं। गैंग का नेटवर्क भारत में कई राज्यों में सक्रिय है, और कथित रूप से इसकी पहुंच विदेशों तक भी है।
भारत की प्रतिक्रिया और द्विपक्षीय तनाव
भारत ने इन आरोपों को “अजीब” और “अद्भुत” करार दिया है और कहा है कि कनाडा को विश्वसनीय साक्ष्य पेश करना चाहिए। भारत ने यह भी कहा है कि उसने बिश्नोई गैंग के आरोपित सदस्यों की निर्वाचन प्रत्यर्पण (extradition) की कई याचिकाएँ कनाडा को भेजी हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इस निर्णय से दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावग्रस्त द्विपक्षीय संबंध और जटिल हो सकते हैं। यह कदम भारत-कनाडा संवाद को नए आयाम दे सकता है।