पटना, 30 सितंबर 2025
बिहार में चुनावी हलचल अब तेज हो चुकी है। आज 30 सितंबर को बहुप्रतीक्षित अंतिम मतदाता सूची (Final Voter List) जारी की जा रही है। यह सूची विशेष गहन संशोधन (Special Intensive Revision – SIR) के बाद तैयार की गई है, जिसमें लाखों नए मतदाताओं के नाम जोड़े गए हैं। अनुमान है कि इस सूची के जारी होने के बाद बिहार में कुल मतदाता संख्या 7.3 करोड़ के पार पहुंच सकती है। चुनावी समीकरणों पर इसका गहरा असर पड़ने वाला है।
सूची जारी होते ही राजनीतिक दलों की रणनीतियाँ और तेज हो जाएंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सूची चुनावी नतीजों का रुख बदल सकती है क्योंकि इसमें पहली बार वोट डालने वाले युवाओं की संख्या काफी बड़ी है। विपक्षी दलों ने पहले ही आरोप लगाया था कि SIR प्रक्रिया के दौरान कई नामों को गलत तरीके से हटाया गया है। वहीं, प्रशासन का कहना है कि यह संशोधन पारदर्शी तरीके से किया गया है ताकि मतदाता सूची पूरी तरह शुद्ध और त्रुटिरहित हो।
इसके बाद अब चुनाव आयोग (ECI) की टीम 4 और 5 अक्टूबर को बिहार का दौरा करेगी। आयोग की यह दो दिवसीय यात्रा चुनावी तैयारियों की पूरी समीक्षा के लिए होगी। इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था, मतदान केंद्रों की संख्या, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की स्थिति और संवेदनशील इलाकों का जायजा लेंगे। आयोग राज्य सरकार और जिला प्रशासन के साथ बैठक कर चुनाव को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से कराने की रूपरेखा तय करेगा।
सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग इस दौरे के बाद अगले सप्ताह ही बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है, इसलिए अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक चुनाव कार्यक्रम घोषित होना तय माना जा रहा है।
यह चुनाव इस बार बेहद दिलचस्प रहने वाला है। एनडीए, महागठबंधन और नई उभरती ताकतें सभी अपनी-अपनी ओर से जनता को साधने में लगी हैं। तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार और बीजेपी का नेतृत्व — तीनों खेमे पहले से ही सभाओं और रैलियों का कार्यक्रम बना रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इस बार युवाओं और महिलाओं का वोट निर्णायक भूमिका निभा सकता है।
आज जारी हो रही अंतिम मतदाता सूची पर सबकी निगाहें टिकी हैं। यह सूची ही तय करेगी कि चुनावी अखाड़े में कौन-कौन उतर सकेगा और मुकाबला कितना कड़ा होगा।