नई दिल्ली, 30 सितंबर 2025
तमिलनाडु के करूर में हुई भयावह भगदड़ ने पूरे देश को हिला दिया है। इस भीषण हादसे में 41 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिनमें महिलाएँ और बच्चे भी शामिल थे। यह त्रासदी न केवल तमिलनाडु के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए गहरी चिंता का विषय बन गई है। इसी गंभीरता को देखते हुए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तुरंत एक बड़ा कदम उठाते हुए 8 सदस्यीय एनडीए तथ्य खोज प्रतिनिधिमंडल का गठन किया है। इस प्रतिनिधिमंडल की बागडोर मशहूर अभिनेत्री और बीजेपी सांसद हेमा मालिनी के हाथों में सौंपी गई है, जो खुद इस घटना को बेहद गंभीरता से देख रही हैं।
बीजेपी और एनडीए के सहयोगी दलों के प्रतिनिधियों से बनी यह टीम सिर्फ एक औपचारिक दौरे के लिए नहीं, बल्कि गहराई से जांच और सच्चाई सामने लाने के उद्देश्य से करूर जा रही है। प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी के वरिष्ठ नेता अनुराग ठाकुर, युवा सांसद तेजस्वी सूर्य, पूर्व आईपीएस अधिकारी और राज्यसभा सांसद ब्रिज लाल, दमदार महिला नेता अपराजिता सरंगी, महिला आयोग से जुड़ीं रेखा शर्मा, शिवसेना के सांसद श्रीकांत शिंदे और तेलुगु देशम पार्टी के नेता पुट्टा महेश कुमार शामिल हैं। इन सभी नेताओं की जिम्मेदारी है कि वे मौके पर जाकर पीड़ित परिवारों से मिलें, उनकी समस्याएँ और पीड़ा समझें और सरकार तक सही जानकारी पहुँचाएँ।
प्रतिनिधिमंडल का मुख्य उद्देश्य केवल तथ्यों की पड़ताल करना नहीं है, बल्कि घटना स्थल का गहन निरीक्षण कर यह समझना भी है कि भगदड़ क्यों हुई, किस स्तर पर चूक हुई और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए। यह टीम करूर में जाकर न केवल प्रशासन से बातचीत करेगी बल्कि घायलों और मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर उनका दर्द समझेगी। इसके बाद यह पूरी रिपोर्ट तैयार कर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपेगी ताकि पार्टी और केंद्र सरकार इस पर आवश्यक कदम उठा सके।
करूर की यह घटना उस समय हुई जब एक बड़ी राजनीतिक रैली चल रही थी। भीड़ नियंत्रण के इंतजामों में गंभीर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। इस त्रासदी के बाद राज्य सरकार पर भी सवाल उठने लगे हैं कि आखिर इस तरह का आयोजन बिना पर्याप्त सुरक्षा इंतजामों के कैसे किया गया। एनडीए का यह तथ्य खोजी प्रतिनिधिमंडल इन सभी सवालों के जवाब खोजने और दोषियों को चिन्हित करने की दिशा में एक अहम कदम साबित हो सकता है।
बीजेपी ने स्पष्ट कर दिया है कि इस तरह की घटनाओं को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हेमा मालिनी ने रवाना होने से पहले कहा कि यह केवल एक राजनीतिक दौरा नहीं है, बल्कि यह उन परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करने का अवसर है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया। उन्होंने कहा कि वह खुद वहां जाकर यह सुनिश्चित करेंगी कि पीड़ितों को न्याय मिले और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
यह कदम बीजेपी के लिए सिर्फ राजनीतिक संदेश नहीं बल्कि मानवता के प्रति जिम्मेदारी निभाने का एक प्रयास है। करूर की इस त्रासदी ने यह साबित कर दिया है कि भीड़ प्रबंधन और सार्वजनिक सुरक्षा की अनदेखी कितनी बड़ी कीमत पर पड़ सकती है। अब पूरा देश इस प्रतिनिधिमंडल की रिपोर्ट का इंतजार करेगा ताकि यह तय हो सके कि इस घटना के पीछे लापरवाही किसकी थी और आगे क्या कदम उठाए जाएंगे।