ब्यूनस आयर्स, 27 सितम्बर 2025
अर्जेंटीना से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ड्रग तस्करों के एक गिरोह ने दो युवतियों और एक नाबालिग लड़की को बेरहमी से यातनाएं देकर उनकी हत्या कर दी और इस पूरी घटना को सोशल मीडिया पर लाइवस्ट्रीम किया। इस वीभत्स कृत्य ने न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी गहरी नाराज़गी और चिंता पैदा कर दी है।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, पीड़िताओं का अपहरण उस समय किया गया जब वे ब्यूनस आयर्स के बाहरी इलाके से घर लौट रही थीं। उन्हें एक सुरक्षित ठिकाने पर बंधक बनाकर कई घंटों तक प्रताड़ित किया गया। इसके बाद आरोपियों ने उनकी हत्या कर दी और चौंकाने वाली बात यह रही कि उन्होंने इस पूरी क्रूरता को लाइवस्ट्रीम कर दिया। यह लाइव वीडियो कुछ ही मिनटों में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और इसके बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए प्लेटफॉर्म्स से इसे हटवाया।
अधिकारियों ने बताया कि यह वारदात एक कुख्यात ड्रग तस्कर गिरोह से जुड़ी है, जो लंबे समय से अर्जेंटीना के उत्तरी इलाकों में सक्रिय है। पुलिस का मानना है कि इस लाइवस्ट्रीम का मकसद विरोधी गिरोहों और आम लोगों को डराना था, ताकि इलाके पर अपना वर्चस्व दिखाया जा सके। अर्जेंटीना की सुरक्षा एजेंसियों ने इस घटना को “नार्को-टेरर” करार दिया है और कहा है कि यह अपराध अब केवल मादक पदार्थों की तस्करी तक सीमित नहीं रहा बल्कि समाज और कानून व्यवस्था के लिए सीधा खतरा बन चुका है।
राष्ट्रपति कार्यालय ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि सरकार इसे राष्ट्रीय सुरक्षा संकट के तौर पर देख रही है। राष्ट्रपति ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए आश्वासन दिया कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, “यह मानवता के खिलाफ अपराध है और अर्जेंटीना ऐसी क्रूरता को कभी स्वीकार नहीं करेगा।”
मानवाधिकार संगठनों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि यह घटना अर्जेंटीना में महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से मांग की है कि ड्रग कार्टेल्स के खिलाफ युद्ध स्तर पर अभियान चलाया जाए और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कानून बनाए जाएं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस मामले की गूंज सुनाई दी है। संयुक्त राष्ट्र महिला आयोग (UN Women) और ह्यूमन राइट्स वॉच ने अर्जेंटीना सरकार से तुरंत और ठोस कार्रवाई करने की अपील की है। विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना लैटिन अमेरिका में बढ़ते “नार्को-हिंसा” के खतरनाक पैटर्न को उजागर करती है, जिसमें सोशल मीडिया को डर फैलाने और सत्ता जताने का हथियार बनाया जा रहा है।