नई दिल्ली, 26 सितंबर 2025
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस रोहिंटन नरीमन ने कहा कि अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए किसी भी राजनेता को राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान की आत्मा निर्वाचित सरकारों का सम्मान है, इसलिए जो राज्यपाल चुनी सरकारों के कामकाज में अनावश्यक दखल दें, उन्हें हटाने का प्रावधान होना चाहिए।
जस्टिस नरीमन ने कहा कि राज्यपालों की नियुक्ति केवल राजनीतिक वफादारी के आधार पर नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि नियुक्ति से पहले व्यक्ति का आपराधिक और नैतिक आचरण जाँचा जाए। साथ ही, यदि कोई राज्यपाल संविधान के प्रावधानों की अवहेलना कर चुनी हुई सरकार के फैसलों को रोकने का प्रयास करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई का स्पष्ट प्रावधान बनाया जाए।
उनका यह बयान उस समय आया है जब कई राज्यों में राज्यपालों और सरकारों के बीच टकराव बढ़ रहे हैं। कई बार राज्यपालों पर आरोप लगते हैं कि वे केंद्र के दबाव में काम करते हैं और विधानसभा में बिलों को रोके रखते हैं या सरकार के फैसलों पर सवाल उठाते हैं।
संविधान विशेषज्ञों ने नरीमन की टिप्पणी को महत्वपूर्ण बताया है और कहा है कि इससे केंद्र-राज्य संबंधों को संतुलित करने का नया रास्ता खुल सकता है।