बहराइच, 25 सितंबर 2025
उत्तर प्रदेश के बहराइच ज़िले की पयागपुर तहसील में बुधवार को एक अवैध रूप से संचालित मदरसे की जांच के दौरान प्रशासनिक टीम ने चौंकाने वाला दृश्य देखा। अधिकारियों ने पाया कि मदरसे के ऊपरी हिस्से में बने शौचालय के भीतर लगभग 40 नाबालिग लड़कियाँ बंद थीं। इन बच्चियों की उम्र 9 से 14 वर्ष के बीच बताई जा रही है। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मच गया और तुरंत पुलिस बल को बुलाकर बच्चियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
उप-जिलाधिकारी अश्विनी कुमार पांडेय ने बताया कि निरीक्षण के दौरान मदरसा प्रबंधन ने टीम को ऊपरी मंज़िलों तक जाने की अनुमति नहीं दी। जब पुलिस बल के साथ अधिकारी ज़बरन छत तक पहुंचे तो वहां एक शौचालय का दरवाज़ा अंदर से बंद मिला। महिला पुलिसकर्मियों ने ताला खुलवाया और जैसे ही दरवाज़ा खुला, एक-एक कर डर से सहमी हुई लड़कियाँ बाहर निकलीं। पूछताछ में वे कुछ भी स्पष्ट बताने की स्थिति में नहीं थीं।
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि यह मदरसा लगभग तीन साल से बिना पंजीकरण के संचालित हो रहा था। जब अधिकारियों ने पंजीकरण और संचालन से संबंधित कागजात मांगे तो प्रबंधन कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाया। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मोहम्मद खालिद ने पुष्टि की कि यह संस्था अवैध रूप से चल रही थी और बच्चों को यहां किस आधार पर रखा गया था, इसकी भी जांच शुरू कर दी गई है।
प्रशासन ने तत्कालतौर पर आदेश देकर इस मदरसे को बंद करा दिया और सभी बच्चियों को सुरक्षित उनके परिवारों तक पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू की। वहीं पुलिस अधीक्षक रामानंद प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि अब तक इस मामले में किसी अभिभावक, एसडीएम या कल्याण अधिकारी ने एफआईआर दर्ज कराने की मांग नहीं की है। यदि कोई शिकायत प्राप्त होती है तो पुलिस तुरंत विधिक कार्रवाई करेगी।
यह घटना प्रदेश में चल रहे मदरसों की पंजीकरण व्यवस्था और निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े करती है। अवैध रूप से संचालित शिक्षण संस्थानों में बच्चों को किस तरह रखा जाता है और उनकी सुरक्षा को किस प्रकार नज़रअंदाज़ किया जाता है, यह मामला उसी की गवाही देता है। प्रशासन का कहना है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कड़ी निगरानी और नियमित निरीक्षण की व्यवस्था लागू की जाएगी।