पटना, 24 सितंबर 2025
कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की विस्तारित बैठक पटना में शुरू होते ही माहौल गरम हो गया। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि मोदी जिन लोगों को मंचों से “मेरे मित्र” कहकर गौरवान्वित करते हैं, वही मित्र आज भारत को गहरे संकटों में धकेल रहे हैं। खड़गे का यह बयान सिर्फ एक राजनीतिक टिप्पणी नहीं बल्कि सत्ता और निजी रिश्तों की राजनीति पर सीधा सवाल है।
कांग्रेस का हमला, मोदी की शैली पर सवाल
खड़गे ने प्रधानमंत्री की उस शैली को कटघरे में खड़ा किया जिसमें वे बड़े उद्योगपतियों और राजनीतिक सहयोगियों को “मित्र” कहकर पुकारते हैं। खड़गे के अनुसार, यही मित्र मंडली देश की नीतियों और फैसलों पर इस कदर प्रभाव डाल रही है कि आम जनता बेरोज़गारी, महंगाई और सामाजिक असमानता की मार झेल रही है। खड़गे ने कहा कि देश हित के बजाय निजी संबंधों को तरजीह देना लोकतंत्र के लिए खतरनाक है और यही वजह है कि आज भारत कई मोर्चों पर कठिनाइयों से जूझ रहा है।
चुनाव आयोग और लोकतंत्र पर छाया संकट
पटना बैठक में खड़गे ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी गहरा संदेह जताया। उनका कहना था कि जब सत्ता और उसके मित्रों का दबदबा बढ़ता है तो संवैधानिक संस्थाओं की साख गिरती है। उन्होंने आगाह किया कि अगर चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगते रहे तो लोकतंत्र की नींव हिल सकती है। खड़गे ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री के मित्रों के दबाव में चुनाव आयोग के कई निर्णय पक्षपाती नज़र आते हैं, जिससे जनता का भरोसा कमजोर हो रहा है।
विपक्ष को एकजुट करने का संदेश
खड़गे ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस आने वाले दिनों में इस “मित्र राजनीति” को जनता के बीच बड़ा मुद्दा बनाएगी। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई केवल भाजपा से नहीं बल्कि उस व्यवस्था से है जहाँ कुछ विशेष मित्र वर्ग को लाभ पहुँचाने के लिए नीतियाँ गढ़ी जाती हैं। खड़गे ने दावा किया कि जनता अब बदलाव चाहती है और कांग्रेस विपक्षी दलों के साथ मिलकर इस बदलाव की लड़ाई लड़ेगी।
पटना बैठक की अहमियत
पटना में हो रही कांग्रेस की यह बैठक महज़ एक औपचारिकता नहीं बल्कि पार्टी की आगामी चुनावी रणनीति तय करने का मंच है। इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे और बिहार सहित पूरे देश के राजनीतिक हालात पर चर्चा की गई। खड़गे ने बिहार को इस लड़ाई की शुरुआत करार देते हुए कहा कि यहां से निकलने वाला संदेश पूरे देश में गूंजेगा। उन्होंने जनता को भरोसा दिलाया कि कांग्रेस लोकतंत्र की रक्षा और संविधान की मर्यादा बनाए रखने के लिए हर कीमत चुकाने को तैयार है।
जनता की उम्मीदें और कांग्रेस का वादा
खड़गे के शब्दों में साफ झलक रहा था कि कांग्रेस सरकार की “मित्र राजनीति” को आम जनता की मुश्किलों से जोड़कर सामने रखना चाहती है। बेरोज़गारी, महंगाई, किसानों की समस्याएँ और संस्थाओं की गिरती साख — इन सबको उन्होंने मोदी सरकार के मित्र मंडली की देन बताया। उनका कहना था कि देश की जनता अब जवाब चाहती है और कांग्रेस वही जवाब देने के लिए मैदान में है।