सीतापुर/रामपुर, 23 सितंबर 2025
करीब 23 महीने जेल में रहने के बाद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान मंगलवार सुबह आखिरकार रिहा हो गए। जैसे ही वह सीतापुर जेल के गेट से बाहर निकले, समर्थकों की भीड़ उमड़ पड़ी। मगर सबकी निगाहें जिस बयान या मुस्कान की तलाश कर रही थीं, वह नहीं मिली—आजम खान ने किसी से एक शब्द तक नहीं कहा। जेल से बाहर आते ही वे सीधे अपने बेटों के साथ रामपुर रवाना हो गए।
आजम खान की रिहाई रामपुर क्वालिटी बार ज़मीन हड़पने के केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत के बाद संभव हुई। यह वही आखिरी मामला था जिसने उन्हें जेल की सलाखों के पीछे रोके रखा था। अदालत से राहत मिलने के बाद कानूनी औपचारिकताएँ पूरी की गईं और आज सुबह उन्हें आज़ादी मिल गई। हालांकि तय समय से कुछ देरी हुई क्योंकि जुर्माने की रकम को लेकर प्रक्रिया लंबी खिंच गई।
रिहाई के बाद माहौल बेहद भावुक रहा। बाहर खड़े समर्थक “आजम खान ज़िंदाबाद” के नारे लगा रहे थे, लेकिन खान ने न मीडिया से कुछ कहा, न कार्यकर्ताओं से कोई संवाद किया। उनकी यह चुप्पी राजनीतिक हलकों में कयासों का नया दौर शुरू कर चुकी है। क्या वे समाजवादी पार्टी में सक्रिय होंगे, या किसी नए राजनीतिक समीकरण की ओर बढ़ेंगे—इस पर अब सबकी नज़रें टिकी हैं।
रामपुर में आजम खान का स्वागत करने की तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं। पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियों ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है ताकि भीड़ और राजनीतिक जमावड़े को नियंत्रित किया जा सके। वहीं सपा कार्यकर्ताओं का मानना है कि उनकी वापसी से पार्टी को मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में बड़ा संबल मिलेगा।