लंदन 23 सितंबर 2025
एक ताज़ा अध्ययन जो Nature Medicine में प्रकाशित हुआ है, उसने एक भयावह तथ्य उजागर किया है — यूरोप में गर्मी- से जुड़ी बीमारियों और हालातों के चलते 2024 में 62,700 से अधिक लोगों की मौत हुई। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि मौसम बदलने और मानव स्वास्थ्य संरचनाओं की ज़रूरतों के बीच बढ़ते संघर्ष की कहानी है।
इस रिपोर्ट को तैयार करने वाला Barcelona Institute for Global Health (ISGlobal) ने 32 देशों में जून से सितंबर के बीच होने वाली मृत्यु दर के रिकॉर्ड्स का विश्लेषण किया है। आंकड़ों से पता चलता है कि जुलाई-अगस्त-सितंबर 2024 गर्मियों में तापमान रिकॉर्ड तोड़ने वाला रहा है, और मृत्यु दर पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 23% बढ़ी थी। हालांकि, 2024 की गर्मी ने 2022 के रिकॉर्ड (लगभग 67,900 मौतें) को नहीं तोड़ा, लेकिन स्वास्थ्य और जलवायु सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह एक चेतावनी की घंटी है।
दक्षिणी यूरोप सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र रहा है। विशेष रूप से इटली वह देश है जहाँ बुजुर्ग आबादी की अधिकता और गर्मी की लहरों की आवृत्ति ने मौतों की संख्या को बहुत बढ़ा दिया। इसके अलावा, स्पेन, जर्मनी, ग्रीस और रोमानिया जैसे देशों में भी भारी संख्या में मौतें हुई।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि महिलाएँ और बूढ़े लोग इस गर्मी से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं। उम्र-दराज लोगों में मृत्यु दर अन्य समूहों की तुलना में कई गुना अधिक थी। कुछ इलाकों में केवल 75 वर्ष से ऊपर वालों में ताप के कारण मौतों का जोखिम अन्य आयु-समूहों से लगभग 323% ज़्यादा पाया गया।
यह सिर्फ मौजूदा परिस्थिति का परिणाम नहीं है, संकेत है कि यूरोप को अपने सार्वजनिक स्वास्थ्य तंत्र, पूर्व चेतावनी एवं रोकथाम रणनीतियों, शहरी नियोजन, तथा जलवायु अनुकूल अवसंरचना पर निवेश करना होगा। जैसे कि अच्छी छाया, सार्वजनिक शीतल-केंद्र, गर्मी लहरों के दौरान राहत उपाय आदि ज़्यादा प्रभावी ढंग से लागू किए जाएँ।
गर्मी अब सिर्फ मौसम की बात नहीं रही, यह जीवन-और-मौत की लड़ाई बनती जा रही है — खासकर उन लोगों की जिनकी उम्र ज़्यादा हो और जो सामाजिक एवं स्वास्थ्य संसाधनों से सीमित हों। 62,700 से ज़्यादा मौतें सिर्फ एक संख्या नहीं हैं, बल्कि चेतावनी है कि जब तापमान बढ़ता है, तो समाज की सबसे कमजोर कड़ी सबसे पहले टूटती है। यूरोप के लिए अब आवश्यक है कि जलवायु परिवर्तन को स्वीकार करते हुए नीतिगत एवं बुनियादी बदलाव लाएँ — वरना इस तरह के आँकड़े सामान्य हो जाएंगे, और मानव जीवन की कीमत असीम बढ़ेगी।