नई दिल्ली 22 सितंबर 2025
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव में गड़बड़ी के आरोपों ने अब कानूनी मोड़ ले लिया है। नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश जारी किया है। कोर्ट ने कहा है कि चुनाव में इस्तेमाल की गई सभी EVM को सुरक्षित रखा जाए और किसी भी तरह की छेड़छाड़ न होने दी जाए।
NSUI का आरोप है कि चुनाव में गड़बड़ी और धांधली की आशंका है। संगठन ने अदालत से अपील की थी कि EVM को संरक्षित रखा जाए ताकि भविष्य में किसी भी तरह की जांच में उन्हें सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सके। कोर्ट ने इन दलीलों को गंभीर मानते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन और चुनाव अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि मशीनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
यह आदेश उस समय आया है जब चुनाव परिणामों को लेकर छात्रों और संगठनों में गरमाहट बनी हुई है। NSUI का कहना है कि पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम ज़रूरी है। दूसरी तरफ, विपक्षी छात्र संगठनों ने NSUI पर हार का ठीकरा चुनाव प्रक्रिया पर फोड़ने का आरोप लगाया है।
इसी बीच, NSUI ने ABVP पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि चुनाव प्रचार के दौरान ABVP ने करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए। कैंपस में कई लक्ज़री गाड़ियाँ उतारी गईं, जबकि छात्र राजनीति हमेशा सादगी और पारदर्शिता का प्रतीक रही है। आरोप यह भी है कि ABVP से जुड़े प्रेसिडेंट पद के विजयी उम्मीदवार के पिता 5000 करोड़ की संपत्ति के मालिक बताए जाते हैं, और इस चुनाव में उनकी आर्थिक ताक़त का खुलकर इस्तेमाल किया गया। NSUI का कहना है कि यह पूरा चुनाव लोकतांत्रिक मूल्यों से ज़्यादा “पैसे और पावर” के खेल में तब्दील हो गया।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह फैसला न सिर्फ दिल्ली विश्वविद्यालय बल्कि पूरे देश में छात्र राजनीति और चुनावी पारदर्शिता पर गहरा असर डाल सकता है। कोर्ट की सख्ती ने साफ कर दिया है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर संदेह की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी जाएगी। अब सबकी नज़रें इस पर टिकी हैं कि क्या जांच आगे बढ़ेगी और क्या वाकई चुनावी प्रक्रिया में किसी गड़बड़ी का खुलासा हो पाएगा।