वायनाड 22 सितंबर 2025
कांग्रेस महासचिव और वायनाड की सांसद श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को वायनाड कलेक्ट्रेट में एक लंबी और अहम बैठक की। इस दौरान उन्होंने DISHA समिति, नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) अधिकारियों, और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) प्रतिनिधियों के साथ विकास कार्यों की समीक्षा की और ज़मीनी स्तर पर मौजूद चुनौतियों को समझा। लगभग 4.5 घंटे चली इस मैराथन बैठक में जिले के स्वास्थ्य ढांचे, सड़कों की स्थिति, राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं और अन्य विकास कार्यों को लेकर गहन चर्चा हुई।
बैठक के बाद प्रियंका गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस दौरे ने उन्हें वायनाड की समस्याओं को गहराई से समझने का मौका दिया। उन्होंने कहा, “मैंने यहाँ कॉफी उत्पादकों, किसानों, होमस्टे मालिकों, फार्मिंग टूरिज्म से जुड़े लोगों और डेयरी किसानों से मुलाकात की। इसके अलावा, मैं कुछ आदिवासी बस्तियों में भी गई और उनकी परेशानियों को नज़दीक से देखा। इनमें से कई मुद्दे ऐसे हैं जिन पर तुरंत काम किया जा सकता है।” प्रियंका ने यह भी साफ किया कि स्थानीय स्तर पर हल होने वाले मामलों को ज़िला प्रशासन के माध्यम से तुरंत निपटाया जाएगा, जबकि बड़े मुद्दों को वह केंद्र सरकार के स्तर पर उठाएँगी और उनके समाधान के लिए लगातार संघर्ष करेंगी।
प्रियंका गांधी ने अपनी भूमिका को स्पष्ट करते हुए कहा, “जैसा कि मैंने चुनाव के समय कहा था, मुझे वायनाड की जनता की आवाज़ बनना है। मैं वही काम कर रही हूँ और उम्मीद करती हूँ कि इस जिम्मेदारी को जनता की संतुष्टि तक निभा पाऊँगी।” उनके इस बयान ने साफ कर दिया कि वह सांसद के तौर पर सिर्फ औपचारिकता पूरी करने नहीं आई हैं, बल्कि जनता के मुद्दों को उठाकर उनके समाधान तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस दौरान प्रियंका गांधी ने स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि वायनाड जैसे पहाड़ी और पर्यटन-प्रधान क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ बेहद ज़रूरी हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों को मजबूत बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएँ। साथ ही, सड़क कनेक्टिविटी और राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं पर भी चर्चा की गई, जिससे वायनाड की पहुँच केरल और पड़ोसी राज्यों से और बेहतर हो सके।
सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी ने आदिवासी समुदायों की समस्याओं को लेकर भी विशेष चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार के मोर्चे पर सबसे अधिक चुनौतियों का सामना कर रहा है और इसे प्राथमिकता से संबोधित किया जाना चाहिए। उन्होंने आश्वासन दिया कि इन मुद्दों को न केवल राज्य स्तर पर बल्कि संसद में भी उठाया जाएगा।
प्रियंका गांधी की यह सक्रियता वायनाड की राजनीति और कांग्रेस की रणनीति के लिहाज़ से भी अहम मानी जा रही है। विश्लेषकों का मानना है कि प्रियंका गांधी की क्षेत्र में लगातार मौजूदगी और जनता से सीधा संवाद यह दर्शाता है कि कांग्रेस दक्षिण भारत में अपनी पकड़ को और मजबूत करना चाहती है। वहीं, बीजेपी और वाम दलों के लिए यह संदेश है कि प्रियंका गांधी सिर्फ प्रतीकात्मक उपस्थिति नहीं, बल्कि गंभीरता से जनसंपर्क और विकास कार्यों पर ध्यान दे रही हैं।
कुल मिलाकर, वायनाड में प्रियंका गांधी का यह दौरा न सिर्फ एक सांसद की जिम्मेदारी निभाने का उदाहरण है, बल्कि कांग्रेस की ओर से जनता को यह भरोसा दिलाने की कोशिश भी है कि उनकी समस्याएँ संसद और सत्ता के उच्च स्तर तक पहुँचाई जाएँगी। प्रियंका गांधी के तेवर और उनकी प्रतिबद्धता यह दिखाती है कि आने वाले महीनों में वायनाड और केरल की राजनीति में उनकी सक्रियता और बढ़ने वाली है।