मॉस्को 19 सितंबर 2025
सबडक्शन ज़ोन की देन
कामचटका प्रायद्वीप दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंपीय इलाक़ों में से एक है। यहां पैसिफिक प्लेट लगातार ओखोट्स्क प्लेट के नीचे धंस रही है। इस प्रक्रिया को सबडक्शन कहते हैं। प्लेटों के बीच जमा हुआ तनाव जब अचानक छूटता है, तो भयंकर भूकंप आते हैं।
मेगाथ्रस्ट फॉल्ट्स का असर
कामचटका क्षेत्र के तटीय हिस्सों में मेगाथ्रस्ट फॉल्ट्स मौजूद हैं, जो सैकड़ों किलोमीटर तक फैले होते हैं। इन फॉल्ट्स पर तनाव का टूटना ही 7 से ज्यादा तीव्रता के झटकों की मुख्य वजह है। जुलाई 2025 का 8.8 तीव्रता का भूकंप इसी का नतीजा था।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
यह इलाक़ा लंबे समय से बड़े भूकंप झेलता आया है। 1737 और 1952 के भूकंप इसके बड़े उदाहरण हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि इस क्षेत्र में लगातार ऊर्जा जमा होती रहती है, जो हर कुछ दशकों में बड़े भूकंप के रूप में बाहर निकलती है।
सुनामी का खतरा
समुद्र के पास होने के कारण यहां आने वाले बड़े भूकंप सुनामी का खतरा भी बढ़ा देते हैं। कई बार अलर्ट जारी करना पड़ता है। हालांकि जनसंख्या कम होने और इलाके के दुर्गम होने से भारी जनहानि की आशंका कम रहती है।
वैज्ञानिकों की राय
भूवैज्ञानिकों का मानना है कि जब तक प्लेटों की यह टक्कर जारी रहेगी, कामचटका जैसे इलाके में बड़े भूकंप बार-बार आते रहेंगे। इसलिए यहां अर्ली वार्निंग सिस्टम और आपदा प्रबंधन बेहद अहम हैं।