नई दिल्ली, 19 सितम्बर 2025
वीडियो जिसने सत्ता को हिला दिया
प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर जितने वीडियो बनवाए गए, उन सब पर राहुल गांधी का एक वीडियो भारी पड़ गया। भले ही हाइड्रोडन बम फोड़ा न गया हो, लेकिन जो धमाका हुआ, उसने सत्ता प्रतिष्ठान को झटकों में झकझोर दिया। राहुल गांधी ने सीधे-सीधे आरोप लगाया कि चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार वोट चोरों की रक्षा कर रहे हैं, और उन्हें चेतावनी दी कि सात दिनों के भीतर कर्नाटक CID को जवाब दें, अन्यथा इस्तीफ़ा देना पड़ेगा। यह बयान राजनीतिक परिदृश्य में ऐसे समय आया है जब लोकतंत्र और चुनावी पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस ने स्पष्ट कर दिया कि सत्ता प्रतिष्ठान केवल दिखावे के लिए पारदर्शिता का दावा कर रहा है, जबकि असल में यह वोटर अधिकारों और कानून की धज्जियाँ उड़ाने का काम कर रहा है।
राहुल गांधी का संदेश – Gen Z संविधान बचाएंगे
राहुल गांधी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा – “Gen Z संविधान बचाएंगे, वोट चोरी रोकेंगे और लोकतंत्र की रक्षा करेंगे। मैं हमेशा उनके साथ खड़ा हूँ।” उन्होंने युवाओं से अपील की कि यह लड़ाई सिर्फ राजनीतिक नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की असली परीक्षा है।
प्रियंका गांधी का आरोप – वोटर्स के नाम काटने की कोशिश
प्रियंका गांधी ने इस मामले को और गंभीरता से उठाया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक की आलंद विधानसभा में बड़े पैमाने पर वोटर्स के नाम काटने की कोशिश की गई। जब कांग्रेस प्रत्याशी ने शिकायत दर्ज कराई, तब चुनाव आयोग के स्थानीय अधिकारी ने FIR दर्ज की। लेकिन अब सवाल यह है कि CID को जांच के लिए IP एड्रेस, डिवाइस पोर्ट्स और OTP जैसी महत्वपूर्ण जानकारियाँ क्यों नहीं दी जा रही हैं? चुनाव आयोग खुद जांच को बाधित कर रहा है। यह साफ संकेत है कि चुनाव आयोग केवल वोट चोरी को छुपाने और अपने संरक्षण में रखने का काम कर रहा है। प्रियंका गांधी ने जोर देकर कहा कि जब खुद आयोग के अधिकारी गड़बड़ी मानते हैं, तब भी जांच रोक दी जाती है, जो लोकतंत्र और चुनावी प्रक्रिया पर सीधा हमला है।
चुनाव आयोग का चेहरा अब बेनकाब
चुनाव आयोग का चेहरा अब पूरी तरह बेनकाब हो गया है। कांग्रेस नेता श्रीनिवास बी वी ने कहा कि चुनाव आयोग के दावे कि “ऑनलाइन डिलीशन संभव नहीं” केवल दिखावा हैं, जबकि वास्तविकता में Form-7 ऑनलाइन मौजूद है और किसी भी बूथ अधिकारी द्वारा किसी भी मतदाता का नाम बिना सूचना के हटाया जा सकता है। राहुल गांधी ने इन चोरों को अब गर्दन से पकड़ लिया है और जनता के सामने हकीकत उजागर कर दी है। यह मामला केवल कर्नाटक तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश में करोड़ों मतदाताओं के अधिकारों को खतरे में डालता है।
बीजेपी की नाकाम कोशिश और जनता का संदेश
बीजेपी के प्रयास विफल साबित हुए। बिहार में अमित शाह रैली में राहुल गांधी पर तंज करना चाहते थे, लेकिन जनता और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट कर दिया कि राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा और वोट चोरी का सच अब सभी के सामने है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी के परमानेंट इनवाइटी गुरदीप सिंह सप्पल ने कहा कि चुनाव आयोग आज फिर फँस गया है। राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस ने मीडिया को भी स्पष्ट संदेश दिया कि बिना सुनवाई और सूचना किसी का नाम वोटर लिस्ट से नहीं हटाया जा सकता।
मीडिया और विपक्ष का दबाव
वोट चोरी के आरोपों पर विपक्ष और मीडिया का दबाव लगातार बढ़ रहा है। MNM प्रमुख कमल हासन ने कहा, “अब गेंद आपके पाले में है। मीडिया को भी सच सामने लाना होगा। अगर आरोप झूठे हैं, तो साबित करें।” वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने व्यंग करते हुए कहा कि जब बात चुनाव आयोग की हो रही है तो अनुराग ठाकुर क्यों आ गए। यह साफ संकेत है कि सत्ता पक्ष केवल भ्रम फैलाने और खुद को बचाने की कोशिश कर रहा है।
हकीकत – करोड़ों लोग प्रभावित
चुनाव आयोग का दावा कि राहुल गांधी गलत हैं, सरासर बेबुनियाद है। पिछले दस साल में लाखों नहीं, बल्कि करोड़ों लोग ऐसे हैं जिनके नाम बिना सूचना और बिना सुनवाई के वोटर लिस्ट से हटाए गए हैं। जनता जानती है कि यह वोट चोरी है, और इसे दबाया जा रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने चेतावनी दी कि जो वोट चोरी के खिलाफ खड़े हैं, वे लोकतंत्र और देशभक्ति के सच्चे प्रहरी हैं। वहीं, जो इसे जानबूझकर छिपा रहे हैं, वे संविधान और भारत विरोधी देशद्रोही हैं।
सत्ता अब सवालों के घेरे में
राहुल गांधी ने लोकतंत्र और वोटर अधिकार के मुद्दे पर ऐसा धमाका किया है कि अब चुनाव आयोग, बीजेपी और सत्ता प्रतिष्ठान खुद सवालों के घेरे में हैं। जनता की निगाहें चुनाव आयोग पर टिकी हैं, और अब कोई भी पीछे नहीं हट सकता। यह मामला केवल राजनीतिक विवाद नहीं है, बल्कि पूरे देश के लोकतंत्र की परीक्षा है, और राहुल गांधी ने इस परीक्षा को जनता और मीडिया के सामने उजागर कर दिया है।