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भारत के लिए चिंता का विषय: बांगलादेश में गुपचुप अमेरिकी सैनिकों की उपस्थित

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नई दिल्ली 17 सितम्बर 2025

बांगलादेश के चिटगांव में 10 सितंबर को लगभग 120 अमेरिकी सेना और वायुसेना के अधिकारियों की उपस्थिति ने क्षेत्रीय खुफिया हलकों में हलचल मचा दी है। ये अधिकारी आधिकारिक रूप से बांगलादेशी सेना के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास के लिए पहुंचे थे, लेकिन होटल के रजिस्टर में उनके नाम दर्ज नहीं किए गए, जिससे उनकी गतिविधियों को लेकर सवाल उठ रहे हैं। 

गुप्त उपस्थिति और रजिस्टर में नाम न होना

सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी अधिकारियों ने चिटगांव के रेडिसन ब्लू होटल में 85 कमरे बुक किए थे, लेकिन उनके नाम रजिस्टर में दर्ज नहीं किए गए। यह असामान्य स्थिति भारतीय खुफिया एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि यह गुप्त सैन्य गतिविधियों का संकेत हो सकता है। 

अमेरिकी विशेष बल अधिकारी की मौत और संदेह

इससे पहले, 31 अगस्त को ढाका के वेस्टिन होटल में अमेरिकी विशेष बल के अधिकारी टेरेन्स आर्वेल जैक्सन का शव मिला था। स्थानीय पुलिस ने इसे प्राकृतिक कारणों से हुई मौत बताया, लेकिन शव को बिना पोस्टमार्टम के अमेरिकी दूतावास को सौंपे जाने से संदेह उत्पन्न हुआ है। यह घटना भारतीय खुफिया एजेंसियों के लिए अतिरिक्त चिंता का कारण बनी है। 

भारत के लिए संभावित रणनीतिक चिंताएँ

भारत के लिए यह घटनाएँ रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। अमेरिकी सैनिकों की गुप्त उपस्थिति और रजिस्टर में नाम न होना, साथ ही विशेष बल अधिकारी की संदिग्ध मौत, इन सभी घटनाओं ने क्षेत्रीय सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। भारत की खुफिया एजेंसियाँ इन घटनाओं की गहन जांच कर रही हैं और संभावित रणनीतिक उद्देश्यों का मूल्यांकन कर रही हैं।

बांगलादेश में अमेरिकी सैनिकों की गुप्त उपस्थिति और संबंधित घटनाएँ भारत के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं। इन घटनाओं से क्षेत्रीय सुरक्षा पर प्रभाव पड़ सकता है, और भारत को अपनी रणनीतिक स्थिति की पुनः समीक्षा करनी होगी। अमेरिका और बांगलादेश के बीच बढ़ते सैन्य संबंधों के मद्देनजर, भारत को सतर्क रहकर अपनी सुरक्षा नीति को मजबूत करना होगा।

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