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EU ने भारत के साथ साझेदारी को बढ़ाने की घोषणा की, लेकिन भारत-रूस व्यापार को लेकर चेतावनी

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लंदन 17 सितम्बर 2025

यूरोपीय संघ (EU) ने भारत के साथ अपनी साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की योजना बनाई है, जिसमें व्यापार, प्रौद्योगिकी, सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का प्रस्ताव है। हालांकि, ईयू ने भारत और रूस के बीच बढ़ते व्यापारिक संबंधों को लेकर चिंता व्यक्त की है।

भारत-रूस व्यापार पर यूरोपीय संघ की चिंता

यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने कहा है कि भारत और रूस के बीच बढ़ते व्यापारिक संबंध वैश्विक सुरक्षा और स्थिरता के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं। उन्होंने भारत से आग्रह किया है कि वह रूस के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को पुनः मूल्यांकित करें और यूरोपीय संघ के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता दें।

भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौता

भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौता (FTA) इस वर्ष के अंत तक होने की संभावना है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और यूरोपीय व्यापार एवं आर्थिक सुरक्षा आयुक्त मारोस शेफकोविक ने समझौते से जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर ठोस वार्ता की है। भारत ने इस बात पर जोर दिया कि व्यापार वार्ता में सार्थक प्रगति के लिए टैरिफ के साथ गैर-टैरिफ बाधाओं पर भी ध्यान दिया जाए क्योंकि गैर-टैरिफ बाधाओं से भी व्यापार में रुकावट पैदा होती है। दोनों पक्ष वाणिज्यिक रूप से सार्थक, पारस्परिक रूप से लाभकारी, संतुलित और निष्पक्ष व्यापार साझेदारी के पक्ष में हैं। समझौते से उत्पादन नेटवर्क को बढ़ावा मिलेगा और निवेश प्रवाह पर भी जोर दिया जाएगा।

भारत और यूरोपीय संघ के बीच बढ़ते संबंधों से दोनों पक्षों को आर्थिक, तकनीकी और सुरक्षा के क्षेत्रों में लाभ होने की संभावना है। हालांकि, भारत और रूस के बीच बढ़ते व्यापारिक संबंधों को लेकर यूरोपीय संघ की चिंताएँ महत्वपूर्ण हैं। भारत को इन चिंताओं का समाधान निकालते हुए अपने विदेश नीति के संतुलित दृष्टिकोण को बनाए रखना होगा।

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