नई दिल्ली 14 सितम्बर 2025
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस.वाई. कुरैशी ने चुनाव आयोग (ECI) की कार्यशैली पर सीधा सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग को राहुल गांधी के ‘vote theft’ आरोपों पर महज़ बयानबाजी और कठोर भाषा तक सीमित नहीं रहना चाहिए था। लोकतंत्र की मांग है कि इन आरोपों पर तुरंत निष्पक्ष जांच हो, ताकि जनता का विश्वास डगमगाए नहीं।
आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल
कुरैशी ने तीखे शब्दों में चेताया कि विपक्ष को खारिज करने वाला रुख आयोग की संवैधानिक छवि को धूमिल करता है। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग सचमुच निष्पक्ष है तो उसे अपने बयान से नहीं बल्कि कार्रवाई से यह साबित करना होगा।
बिहार मतदाता सूची विवाद
बिहार में मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों पर भी उन्होंने चिंता जताई और कहा कि ये सिर्फ विपक्ष की राजनीति नहीं, बल्कि लोकतंत्र की मजबूती का सवाल है। मतदाता सूची पर उठे सवालों को खारिज करने से बेहतर है कि आयोग पारदर्शी जांच के जरिए सच्चाई सामने लाए।
लोकतंत्र की असली कसौटी: जवाबदेही
कुरैशी ने दोहराया कि चुनाव आयोग का दायित्व विपक्ष और जनता के सवालों से बचना नहीं, बल्कि उनका समाधान करना है। जवाबदेही और पारदर्शिता ही लोकतांत्रिक संस्थाओं की पहचान है। जांच ही वह रास्ता है जो लोकतंत्र को मज़बूत करेगा और जनता के भरोसे को बनाए रखेगा।