नई दिल्ली 14 सितम्बर 2025
घटना का दावा और वायरल वीडियो
सोशल मीडिया पर पिछले 24 घंटे से एक ऐसा वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है जिसने पूरे अरब जगत में हड़कंप मचा दिया है। इस वीडियो में दावा किया जा रहा है कि यमन के हूथी विद्रोहियों ने मदीना को निशाना बनाते हुए एक मिसाइल दागी थी, जिसे सऊदी अरब की वायु रक्षा प्रणाली ने आसमान में ही रोक लिया। फुटेज में दिखाई देता है कि रात के अंधेरे में एक तेज़ रोशनी वाली मिसाइल आकाश में जाती दिखती है और फिर धमाके के साथ फटती है। यह दृश्य कथित तौर पर मदीना के आस-पास का बताया जा रहा है, जिसके चलते मुस्लिम जगत में खौफ और गुस्से का माहौल बन गया है।
आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं
इस सनसनीखेज़ दावे के बावजूद अब तक सऊदी सरकार या उसकी सैन्य इकाई की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। न ही यह स्पष्ट है कि मिसाइल वास्तव में हूथी लड़ाकों की थी या फिर कोई और घटना थी जिसे वीडियो में हूथी हमले के तौर पर पेश किया जा रहा है। कई मीडिया रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि मिसाइल का लक्ष्य मदीना नहीं बल्कि संभवत: किसी अन्य दिशा में था। कुछ अंतरराष्ट्रीय समाचार चैनलों ने इसे “इस्राइल की ओर दागी गई मिसाइल” तक बताया है। इस तरह की परस्पर विरोधी खबरों ने स्थिति को और जटिल बना दिया है और लोगों में असमंजस की स्थिति है।
गवाहों और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाएँ
मदीना के आसपास रहने वाले कुछ लोगों का कहना है कि उन्होंने विस्फोट की आवाज़ें सुनीं और आसमान में रोशनी के गोले देखे। स्थानीय सोशल मीडिया अकाउंट्स पर भी रात में हुई इस घटना की चर्चा तेज़ी से हुई, हालांकि जमीन पर किसी बड़े नुकसान या हताहत होने की खबर सामने नहीं आई। कई लोगों ने चिंता जताई कि अगर यह सचमुच हूथी मिसाइल हमला था तो मदीना जैसे पवित्र स्थल की सुरक्षा कितनी गंभीर चुनौती के सामने खड़ी है। क्योंकि मदीना सिर्फ सऊदी अरब ही नहीं बल्कि पूरी मुस्लिम दुनिया की आस्था का केंद्र है।
हूथी विद्रोहियों की पृष्ठभूमि और खतरा
यमन में सक्रिय हूथी विद्रोही लंबे समय से सऊदी अरब को निशाना बनाते आ रहे हैं। वे अक्सर मिसाइल और ड्रोन हमले करते रहे हैं, जिनका मकसद सऊदी अरब की तेल रिफाइनरियों, हवाई अड्डों और सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचाना रहा है। ऐसे में अगर उनका निशाना मदीना की दिशा में भी बढ़ने लगे तो यह सिर्फ सऊदी अरब ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र की धार्मिक, राजनीतिक और सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा होगा। हूथी विद्रोही खुद को ईरान समर्थित बताते हैं और अक्सर उनकी गतिविधियाँ मध्य पूर्व की राजनीति को और अस्थिर कर देती हैं।
अंतरराष्ट्रीय और धार्मिक संवेदनशीलता
मदीना दुनिया का दूसरा सबसे पवित्र इस्लामी स्थल है। यहां पैगंबर मोहम्मद की मस्जिद, अल-मस्जिद अल-नबवी स्थित है। अगर वास्तव में यहां के पास किसी तरह की मिसाइल दागी गई है, तो यह पूरी मुस्लिम दुनिया के लिए असहनीय हमला माना जाएगा। यह सिर्फ एक सुरक्षा चुनौती नहीं बल्कि धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली घटना भी है। यही कारण है कि यह खबर सामने आते ही सोशल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस मामले पर बारीकी से नज़र रख रहा है क्योंकि ऐसी घटनाएं पूरे खाड़ी क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा सकती हैं।
फिलहाल सऊदी अधिकारियों की चुप्पी इस मामले को और रहस्यमय बना रही है। वायरल वीडियो ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है और यह सवाल खड़ा कर दिया है कि कहीं सऊदी सुरक्षा व्यवस्था में कोई बड़ी चूक तो नहीं हुई। वहीं, अगर यह दावा झूठा या अतिरंजित साबित होता है, तो यह सोशल मीडिया के ज़रिए फैल रही अफवाहों की गंभीरता को दिखाता है। किसी भी स्थिति में, मदीना जैसे संवेदनशील और पवित्र स्थल का नाम किसी मिसाइल हमले के संदर्भ में आना ही बेहद खतरनाक और संवेदनशील मामला है, जिसका असर सिर्फ सऊदी अरब पर नहीं बल्कि पूरे इस्लामी जगत और वैश्विक राजनीति पर पड़ेगा।