बेंगलुरु, 13 सितंबर 2025
कर्नाटक के डिप्टी सीएम और कांग्रेस के कद्दावर नेता डी.के. शिवकुमार ने एक भावुक बयान में अपनी राजनीतिक यात्रा, संघर्ष और कांग्रेस नेतृत्व के प्रति निष्ठा को साझा किया। उन्होंने साफ कहा कि उनकी आज की राजनीतिक पहचान गांधी परिवार और विशेष रूप से सोनिया गांधी के कारण ही है।
शिवकुमार ने याद करते हुए कहा, “मोदी ने मुझे तिहाड़ जेल में डाला। उस कठिन समय में सोनियाजी जेल में मुझसे मिलने आईं। जब मैं बाहर आया, उन्होंने मुझे अपने घर बुलाया और कर्नाटक कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया। इसके बाद मैंने तीन साल तक रात-दिन मेहनत की और कर्नाटक में बीजेपी को सत्ता से बाहर कर दिया।”
उन्होंने सोनिया गांधी के त्याग और नेतृत्व का जिक्र करते हुए कहा, “पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम सोनियाजी को प्रधानमंत्री मान चुके थे, चिट्ठी तक तैयार थी। लेकिन सोनियाजी ने त्याग करते हुए डॉ. मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया। डॉ. सिंह, जो एक सिख और अल्पसंख्यक समुदाय से थे, ने पूरे गौरव और गरिमा के साथ देश का नेतृत्व किया।”
शिवकुमार ने गर्व से कहा कि दुनिया में शायद ही कोई ऐसा परिवार होगा जिसने “एक ओर शहादत दी और दूसरी ओर प्रधानमंत्री की कुर्सी को ठुकरा दिया।”
सत्ता से डर के छोड़ने वालों पर निशाना
अपने बयान में शिवकुमार ने उन नेताओं पर भी तंज कसा जो ईडी और सत्ता के डर से कांग्रेस छोड़कर दूसरी पार्टियों में चले गए। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने उन्हें सब कुछ दिया, लेकिन मुश्किल वक्त में वे पार्टी छोड़ गए। जबकि मैं अपने नेताओं के साथ हर हाल में खड़ा रहा हूं।”
सोशल मीडिया पर तारीफों की बौछार
शिवकुमार के इस बयान ने सोशल मीडिया पर चर्चा छेड़ दी है। कई यूज़र्स ने उनकी निष्ठा और समर्पण की तारीफ करते हुए लिखा कि “भारत के हर राज्य को शिवकुमार जैसा नेता चाहिए।” एक यूज़र ने कहा, “डी.के. शिवकुमार जैसा कार्यकर्ता होना आसान नहीं। उनकी मेहनत और वफादारी कांग्रेस के लिए मिसाल है।”
संदेश और महत्व
शिवकुमार का यह बयान सिर्फ कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा नहीं है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कठिन समय में वफादारी और त्याग ही राजनीतिक जीवन को नई ऊंचाई दे सकते हैं। उनकी कहानी इस बात का प्रमाण है कि ईमानदारी और जुझारूपन से बड़े से बड़ा लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।