नई दिल्ली, 13 सितंबर 2025
आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर 2025 नजदीक आते ही लाखों करदाता चिंता में हैं। आयकर विभाग के पोर्टल पर लगातार तकनीकी दिक्कतों की शिकायतें आ रही हैं। कई यूज़र्स का कहना है कि पोर्टल बेहद स्लो चल रहा है, लॉगिन और सबमिशन में काफी समय लग रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार डेडलाइन को बढ़ाने पर विचार करेगी?
समय पर ITR न भरने का खतरा
आयकर विशेषज्ञों के मुताबिक, 15 सितंबर की डेडलाइन तक ITR न भरने वालों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
₹5,000 तक का लेट फीस लग सकता है।
रिफंड क्लेम में देरी होगी।
ब्याज और जुर्माना अलग से चुकाना पड़ सकता है।
कुछ मामलों में टैक्स असेसमेंट और नोटिस का भी सामना करना पड़ सकता है।
यानी समय पर रिटर्न भरना टैक्सपेयर्स के लिए बेहद जरूरी है।
करदाताओं की परेशानी
सोशल मीडिया पर कई टैक्सपेयर्स ने शिकायत की है कि पोर्टल पर बार-बार सर्वर एरर और लोडिंग इश्यू आ रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि ITR फॉर्म भरने और अपलोड करने में घंटों लग रहे हैं। टैक्स एडवोकेट्स का मानना है कि पोर्टल पर भारी लोड के चलते समस्या बढ़ गई है और अंतिम दिनों में यह और भी गंभीर हो सकती है।
क्या सरकार बढ़ाएगी डेडलाइन?
पिछले वर्षों में भी सरकार ने पोर्टल स्लो होने और कोविड जैसी परिस्थितियों में ITR की डेडलाइन बढ़ाई थी। हालांकि, इस बार वित्त मंत्रालय ने अभी तक कोई आधिकारिक संकेत नहीं दिया है। लेकिन टैक्स एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर पोर्टल की दिक्कतें इसी तरह बनी रहीं तो सरकार को मजबूरी में डेडलाइन आगे बढ़ानी पड़ सकती है।
ITR भरने की अंतिम तारीख नजदीक आते ही करदाताओं पर दबाव बढ़ता जा रहा है। पोर्टल स्लो होने की वजह से लोग असमंजस में हैं कि समय पर रिटर्न भर पाएंगे या नहीं। सरकार की ओर से अगर डेडलाइन नहीं बढ़ाई गई तो 15 सितंबर के बाद भारी जुर्माने का खतरा है। ऐसे में करदाताओं के लिए सबसे सुरक्षित रास्ता यही है कि वे जल्द से जल्द रिटर्न भरने की कोशिश करें और अंतिम समय का इंतजार न करें।