नई दिल्ली, 12 सितंबर 2025
दिल्ली दंगों की कथित बड़ी साजिश से जुड़े मामले में आरोपित और जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद ने अदालत में दर्ज FIR को पूरी तरह से “मजाक” करार दिया है। खालिद ने कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और इन्हें केवल राजनीतिक बदले की भावना से गढ़ा गया है।
खालिद का दावा: राजनीतिक षड्यंत्र
अदालत में पेश होकर उमर खालिद ने कहा कि FIR में जिन घटनाओं का हवाला दिया गया है, उनका उनसे कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने इसे “राजनीतिक षड्यंत्र” बताते हुए दावा किया कि उन्हें एक सुनियोजित तरीके से फंसाया जा रहा है।
अदालत में अगली सुनवाई बुधवार को
इस मामले में दिल्ली की अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख बुधवार तय की है। अदालत यह तय करेगी कि मामले से जुड़े आरोपों पर आगे किस तरह की कार्रवाई की जाए।
‘लार्जर कॉन्सपिरेसी केस’ पर निगाहें
यह मामला फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों से जुड़ा हुआ है, जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी और बड़ी संख्या में संपत्तियों को नुकसान पहुंचा था। पुलिस ने इस मामले में खालिद समेत कई एक्टिविस्ट्स और नेताओं को आरोपी बनाया है, यह आरोप लगाते हुए कि दंगे एक बड़ी साजिश का हिस्सा थे।
राजनीतिक हलकों में चर्चा
खालिद के बयान के बाद राजनीतिक हलकों में एक बार फिर से बहस तेज हो गई है। विपक्ष का कहना है कि यह मामला सरकार की असहमति को दबाने की कोशिश है, जबकि सत्ता पक्ष का तर्क है कि कानून सबके लिए बराबर है और जांच एजेंसियां सबूतों के आधार पर कार्रवाई कर रही हैं।